दरभंगा / पटना : अभी हाल में राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने एक दिन निरीक्षण के लिये पटना के आईजीआईएमएस में चले गये थे. उसके बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार से पूछा था कि लालू प्रसाद यादव किस अधिकार से आईजीआईएमएस गये थे. अभी यह मामला चल ही रहा था कि दरभंगा के सिविल सर्जन ने एक पत्र को सार्वजनिक कर नये विवाद को जन्म दे दिया है. दरभंगा के सिविल सर्जन श्री राम सिंह ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें फोन कर हटायी गई ममता कार्यकर्ताओं को दुबारा सेवा पर रखने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन ने इस बाबत एक पत्र की सामने रखा है.
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक एक बार फिर यह बहस हो रही है कि आखिर लालू प्रसाद यादव किस अधिकार से अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं. सिविल सर्जन का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के फोन के बाद उन्होंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के अधीक्षक को एक ऑफिसियल पत्र जारी कर दिया और उसमें लालू प्रसाद यादव के निर्देशों का हवाला देते हुए ममता कार्यकर्ताओं को सेवा पर रखने की बात कही.
वहीं इस मामले के सामने आने के बाद लालू प्रसाद यादव ने टीवी चैनलों से बातचीत में कहा कि उनके पास पिछड़े वर्ग से आने व वाली ममता कार्यकर्ता अपनी समस्या लेकर उनके पास आईं थी. उसके बाद उन्होंने अधिकारियों को फोन किया. लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उनके पास फरियाद लेकर रोजाना हजारों लोग आते हैं. वह किसी को भगा तो नहीं सकते. सोमवार को दरभंगा के सिविल सर्जन ने एक आधिकारिक पत्र ज्ञापांक नंबर 32,डीएचएस 2016 जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने डीएमसीएच को लिखा है कि चयनमुक्त की गयीं ममता कार्यकर्ताओं से दुबारा काम लिया जाए.