प्राकृतिक संसाधनों को देना चाहिए महत्व

प्राकृतिक संसाधनों को देना चाहिए महत्वग्लोबल वार्मिंग पर नेशनल सेमिनार का समापन लाइफ रिपोर्टर, पटना श्रीअरविंद महिला कॉलेज में ‘ग्लोबल वार्मिंग: कारण और निवारण’ पर दो दिवसीय सेमिनार मंगलवार को समाप्त हुआ. वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस नेशनल सेमिनार में देश के अन्य शहरों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 7:59 PM

प्राकृतिक संसाधनों को देना चाहिए महत्वग्लोबल वार्मिंग पर नेशनल सेमिनार का समापन लाइफ रिपोर्टर, पटना श्रीअरविंद महिला कॉलेज में ‘ग्लोबल वार्मिंग: कारण और निवारण’ पर दो दिवसीय सेमिनार मंगलवार को समाप्त हुआ. वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस नेशनल सेमिनार में देश के अन्य शहरों से कई वैज्ञानिक यहां मौजूद थे. कार्यक्रम के अंतिम दिन पहले सत्र को संबोधित करते हुए परमाणु ऊर्जा विभाग के रिटायर्ड भू-वैज्ञानिक डॉ दिनेश कुमार माथुर ने वैश्विक तापण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी से लोगों को अवगत कराते हुए इस समस्या के निवारण में नैतिक दायित्व एवं अपेक्षित योगदान पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का समूचित दोहन, अद्यौगिकिकरण एवं संतुलित विकास, पार्यावरण संरक्षण, वृक्षा रोपण, जंगलों की कटायी पर रोक-थाम एवं जैव विविधिता की सुरक्षा आदि पर ध्यान देना होगा. यदि हम प्रकृति के अनुशासन के खिलाफ गलत तरीके से कुछ भी करते हैं तो ये पूरे वातावरण के माहौल जैसे की वायु-मंडल, जलमंडल और स्थलमंडल को अस्तव्यस्त करती है. प्राकृतिक वातावरण के अलावा, मानव निर्मित वातावरण भी मौजूद है जो की प्रौद्योगिकी, काम के माहौल, सौंदर्यशास्त्र, परिवहन, आवास, सुविधाएं और शहरीकरण के साथ संबंधित है. मानव निर्मित वातावरण काफी हद तक प्राकृतिक वातावरण को प्रभावित करता है जिसे हम सभी एकजुट होकर बचा सकते हैं. हमें हमारे प्राकृतिक संसाधनों को चुनौती नहीं देनी चाहिए और पर्यावरण में इतना प्रदूषण या अपशिष्ट डालने में रोक लगानी चाहिए. हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों को महत्व देना चाहिए और प्राकृतिक अनुशासन के तहत उन्हें इस्तेमाल करना चाहिए. समाज के लोग समझे अपनी जिम्मेदारी सेमिनार के अंतिम दिन कई तकनीकी सत्र का आयोजन हुआ. इसमें पांच-पांच रिसोर्स पर्सन ने अपनी बात रखी. इसमें टीपीएस कॉलेज की डॉ तनुजा, डॉ ओम प्रकाश गुप्ता, डॉ अरविंद कुमार मिश्रा, जय प्रकाश सिंह, बिहार टूरिज्म के पूर्व जेनरल मैनेजर नवीन कुमार, प्रो महेश कुमार के साथ अन्य लोग शामिल थे. इसकी अध्यक्षता प्रो एके गुप्ता ने की. वहीं वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के निदेशक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा प्रकाशित वैज्ञानिक आलेखों में हिंदी के शब्दों का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए. वहीं कार्यक्रम में सभी ने अपनी अपनी बात रखी. इसमें पर्यावरण को बचाने पर जोर दिया गया. लोगों ने कहा कि पर्यावरण को बचाने में विश्व समुदाय नित नये कानूनों का प्रावधान करते हैं और यही कानून पूरी दुनिया में एक साथ लागू भी करते हैं. परंतु सभी देशों की परिस्थिति एक जैसी नहीं होने के कारण पर्यावरण अपने अस्तित्व को दिन प्रतिदिन खोता जा रहा है. हरियाली को बचाने के लिए हमें जून महीने की नही बल्कि साल के 12 महीने तैयार रहना होगा. तभी हम धरती की तपिश को कम करने में कामयाबी हासिल कर पायेंगे और अपने खोये हुए हरियाली को बचा सकेंगें. मौके पर अरविंद महिला कॉलेज के प्रार्चाय प्रो पीके वर्मा, कार्यक्रम के संयोजक प्रो अशोक कुमार गुप्ता के साथ कॉलेज के सभी प्रोफेसर, विभिन्न कॉलेज से आमंत्रित अतिथि व स्टूडेंट्स मौजूद थे.

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