प्रशासन को अल्टीमेटम, नहीं मिली जमीन, तो करेंगे आत्मदाह
प्रशासन को अल्टीमेटम, नहीं मिली जमीन, तो करेंगे आत्मदाह बिंद टोली साइड इफेक्ट : अब सेंट माइकल के पास से विस्थापित परिवारों ने मांगी जमीन : फ्लैग- बिंद टोली की तर्ज पर 26 परिवारों ने मांगी तीन डिसमिल जमीन संवाददाता, पटना बिंद टोली निवासियों को सरकार ने तीन डिसमिल जमीन क्या दी, सभी अतिक्रमणकारियों को […]
प्रशासन को अल्टीमेटम, नहीं मिली जमीन, तो करेंगे आत्मदाह बिंद टोली साइड इफेक्ट : अब सेंट माइकल के पास से विस्थापित परिवारों ने मांगी जमीन : फ्लैग- बिंद टोली की तर्ज पर 26 परिवारों ने मांगी तीन डिसमिल जमीन संवाददाता, पटना बिंद टोली निवासियों को सरकार ने तीन डिसमिल जमीन क्या दी, सभी अतिक्रमणकारियों को जमीन मांगने का सुनहरा मौका मिल गया है. अब इसी कड़ी में एनएमसीएच के पास से हटाये गये लोग दाे दिनों से पटना सिटी में आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, पटना जिला मुख्यालय में भी एक नये आंदोलन की रूप रेखा तैयार हो रही है. दीघा में सेंट माइकल स्कूल के सामने से अतिक्रमण हटाने के क्रम में विस्थापित 58 परिवारों को हटा दिया गया था. इसमें ज्यादातर महादलित परिवार के लोग हैं. एक साल तक तो ये शांत रहे. लेकिन, जैसे ही बिंद टोली के वासियों को जमीन मिली, ये भी मुखर हो गये. इन सभी परिवारों ने डीएम व सदर एसडीएम से मिल कर जमीन मांगी है. सदर प्रखंड के उप प्रमुख नीरज कुमार की अगुवायी में पहुंचे सुनील पासवान, कन्हाई पासवान, विद्या देवी, सुघन राय, राजकुमार पासवान, जयकिशन आदि ने बताया कि हम सभी एक साल से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.1942 से रहने का किया दावा उन्होंने बताया कि करीब 58 परिवार, वहां 1942 से ही रह रहा था. आशियाना छिन जाने के कारण हमलोग इधर-उधर रहते हैं, पूरा परिवार बिखर गया है. जबकि तत्कालीन डीएम अभय कुमार सिंह और सदर एसडीएम अमित कुमार ने आश्वासन दिया था कि जमीन देंगे. उनके आदेश पर सदर सीओ केके राजहंस ने भी उस वक्त परिवारों की सूची संग्रह की थी. लेकिन, अभी तक कोई पहल नहीं हुई. अब जब साबित हो गयी है कि बिंद टोली सरकार की जमीन है और वहां रह रहे परिवार अतिक्रमण करके रह रहे थे, तब हमें क्यों नहीं जमीन दी जा रही है. करीब 20 लोगों ने प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि हमें जमीन नहीं मिली, तो हम सब आत्मदाह करेंगे, इसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी. कोट : बिंद टोली के वासियों को कैबिनेट ने विशेष परिस्थिति में जमीन प्रदान करने का निर्णय लिया था. इसके बाद प्रशासन ने उन परिवारों को जमीन प्रदान की है. प्रशासन तो कार्यान्वयन एजेंसी है, जो सरकार के आदेश का पालन करती है. कोई भी अतिक्रमणकारी यदि जमीन की मांग करेंगे, तो उन्हें जमीन नहीं दी जा सकती है. संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना