लालू प्रसाद ने स्वास्थ्य सेवाओं पर जाहिर की चिंता, दरभंगा के सिविल सर्जन से मांगी रिपोर्ट
पटना : राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता जाहिर करते हुए दरभंगा के सिविल सर्जन से दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल (डीएससीएच) में प्रसव के लिए आनेवाली महिलाओं को ममता कार्यकर्ताओं की सुविधा नहीं मिलने की जानकारी मांगी है. दरभंगा के सिविल सर्जन डाॅ श्रीराम सिंह ने लालू प्रसाद का हवाला […]
पटना : राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता जाहिर करते हुए दरभंगा के सिविल सर्जन से दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल (डीएससीएच) में प्रसव के लिए आनेवाली महिलाओं को ममता कार्यकर्ताओं की सुविधा नहीं मिलने की जानकारी मांगी है. दरभंगा के सिविल सर्जन डाॅ श्रीराम सिंह ने लालू प्रसाद का हवाला देते हुए डीएससीएच से इस आशय की रिपोर्ट मांगी है.
सिविल सर्जन ने डीएमसीएच के अधीक्षक को पत्र लिख कर पूछा है कि किस आधार पर डीएससीएच में प्रसव के लिए आनेवाली महिलाओं को ममता कार्यकर्ताओं की सुविधा से वंचित किया गया है. लालू प्रसाद ने यही जानकारी सिविल सर्जन से मांगी है. सिविल सर्जन ने 11 जनवरी को लिखे अपने पत्र में राज्य स्वास्थ्य समिति के पत्र का जिक्र करते हुए कहा है कि वहां के मौखिक आदेश पर पूर्व के सिविल सर्जन डाॅ उदय कुमार चौधरी ने ममता कार्यकर्ताओं को कार्यमुक्त कर दिया था. इसके बाद से ममता कार्यकर्ताओं से काम नहीं लिया जा रहा है. सिविल सर्जन ने कहा है कि राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से भी अब तक इस मामले में कोई लिखित निर्देश नहीं आया है.
उन्होंने ममता कार्यकर्ताओं की सुविधा से प्रसव के लिए आनेवाली महिलाओं को वंचित रखने पर सवाल भी उठाया है. सिविल सर्जन ने डीएमसीएच से रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि आप जो जवाब देंगे, उसे हम लालू प्रसाद को अवगत करायेंगे. इस पत्र की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी दी गयी है.
मंगलवार को 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर पत्रकारों से लालू प्रसाद ने कहा कि मैंने दरभंगा के सिविल सर्जन को फोन किया था. मैंने ममता कार्यकर्ता को नियमानुसार बहाल करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग मिलने आते हैं, उन्हें हम भगा नहीं सकते. ममता कार्यकर्ता मिलने आयी थी, उनके आवेदन पर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा था. वहीं, उपमुख्यमत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि जब सुशील कुमार मोदी रेलवे का निरीक्षण कर सकते हैं, तो दूसरा क्यों नहीं कर सकता है. इसमें बुराई क्या है?