मकर संक्रांति के दिन संगव काल में करें गंगा स्नान, भगवान भास्कर की होगी पूर्ण कृपा

मकर संक्रांति के दिन संगव काल में करें गंगा स्नान, भगवान भास्कर की होगी पूर्ण कृपा 15 जनवरी को मकर संक्रांति की सुबह 7:32 से शाम 5:17 बजे तक जातक कर सकते हैं स्नानसंवाददाता, पटना मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनेगी. इस दिन गंगा स्नान व दान का बहुत महत्व है. गंगा स्नान के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2016 8:45 PM

मकर संक्रांति के दिन संगव काल में करें गंगा स्नान, भगवान भास्कर की होगी पूर्ण कृपा 15 जनवरी को मकर संक्रांति की सुबह 7:32 से शाम 5:17 बजे तक जातक कर सकते हैं स्नानसंवाददाता, पटना मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनेगी. इस दिन गंगा स्नान व दान का बहुत महत्व है. गंगा स्नान के लिए सुबह 7:32 से लेकर शाम 5:17 बजे तक समय है. लेकिन, इसमें भी जो जातक पूर्ण फल की प्राप्ति चाहते हैं उन्हें सुबह 10 बजे तक स्नान कर लेना होगा. क्योंकि, यह समय संगव काल होता है. इसमें स्नान करने एवं दान करने से प्रभु की विशेष कृपा बनी रहती है. विशेषकर वैसे जातकों पर भगवान भास्कर की पूर्ण कृपा रहती है, जो स्नान के बाद राशि के मुताबिक तिल, खिचड़ी, गुड़ एवं कंबल दान करते हैं. मकर सक्रांति पर खिचड़ी और तिल का भोग लगायें, दूर होंगे जन्मों के कष्टप्रहलाद कुमार, पटनामकर संक्रांति की सुबह भगवान सूर्य को खिचड़ी और तिल का भोग लगा कर उसका सेवन करने से कई जन्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं. 2016 में पहली बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को है. इसकी शुरुआत सुबह सात बज कर 32 मिनट से हो जायेगी और सूर्य देव पूर्ण रूप से मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे. शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं. शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, इस कारण से इस दिन सुबह में ही खिचड़ी व तिल का भोग लगाना चाहिए. मकर सक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल तो आंध्रप्रदेश, कर्नाटक व केरल में संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इसी दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत किया था और सभी असुरों के सिरों को मंदार पर्वत में दबा दिया था.इसी दिन सागर में मिली थी गंगामकर संक्रांति के दिन ही गंगा भागीरथ के पीछे-पीछे चल कर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थी. गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इसी दिन तर्पण किया था. उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद गंगा समुद्र में जाकर मिल गयी थी. इसलिए मकर संक्रांति पर गंगा सागर में मेला लगता है और लोग बड़ी संख्या में गंगा सागर जाते हैं.दान में काला तिल व कपड़े का अधिक महत्वमकर संक्राति के दिन काला तिल और कपड़े दान करने का अधिक महत्व है. जन्म पत्रिका में अशुभ फलप्रदाता ग्रहों के स्थान या व्यक्तिगत समस्या को ध्यान में रख कर दान किया जाये तो यह अधिक उपयुक्त सिद्ध होगा.राशि के मुताबिक करें दान – मेष : गुड़, मूंगफली दाने एवं तिल दान करें.- वृषभ : सफेद कपड़ा, दही एवं तिल दान करें.- मिथुन : मूंग दाल, चावल एवं कंबल दान करें.- कर्क : चावल, चांदी एवं सफेद तिल दान करें.- सिंह : तांबा, गेहूं एवं सोने की मोती दान करें.- कन्या : खिचड़ी, कंबल, हरे कपड़े दान दें. – तुला : सफेद डायमंड, शक्कर एवं कंबल दान दें.- वृश्चिक : मूंगा, लाल कपड़ा एवं तिल दान करें. – धनु : पीला कपड़ा, खड़ी हल्दी एवं सोने की मोती दान दें. – मकर : काला कंबल, तेल एवं काली तिल दान दें.- कुंभ : काला पकड़ा, काली उड़द, खिचड़ी एवं तिल दान करें. – मीन : रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल एवं तिल दान करें.

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