सेंटर आफ एक्सीलेंस बनेगा एएन सन्हिा सामाजिक अध्ययन संस्थान

सेंटर आफ एक्सीलेंस बनेगा एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थानफोटो भी है, जरूर ले लेंगेशिक्षा मंत्री डा अशोक चौधरी ने की घोषणा शोध की संख्या बढ़े, एेसी व्यवस्स्था की जायेगी जिससे दूसरे राज्यों से लोग शोध करने बिहार आयेंगेसंवाददाता, पटनाराज्य सरकार अनुग्रह नारायण सिंह सामाजिक अध्ययन संस्थान को शोध के मामले में सेंटर फार एक्सीलेंस बनायेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2016 8:45 PM

सेंटर आफ एक्सीलेंस बनेगा एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थानफोटो भी है, जरूर ले लेंगेशिक्षा मंत्री डा अशोक चौधरी ने की घोषणा शोध की संख्या बढ़े, एेसी व्यवस्स्था की जायेगी जिससे दूसरे राज्यों से लोग शोध करने बिहार आयेंगेसंवाददाता, पटनाराज्य सरकार अनुग्रह नारायण सिंह सामाजिक अध्ययन संस्थान को शोध के मामले में सेंटर फार एक्सीलेंस बनायेगी. इसके लिए जितनी राशि की जरूरत होगी, उपलब्ध करायी जायेगी. राष्ट्रीय स्तर के इस शोध संस्थान को फिर से अपना गौरव वापस दिलाया जायेगा. सरकार अपनी ओर से हर संभव सहायता करेगी. शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने बुधवार को यह घोषणा की. शिक्षा मंत्री बनने के बाद पहली बार संस्थान आये डॉ चौधरी ने करीब दो घंटे यहां बिताया और पूरे परिसर का भ्रमण किया. बाद में उन्होंने एक बैठक भी की जिसमें संस्थान के अध्यक्ष डीएन सहाय, निदेशक प्रो सुनील रे और प्रो नील रतन समेत अन्य शिक्षक गण उपस्थित थे. बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि एएन सिन्हा शोध संस्थान उत्कृष्ट और उत्तम है. राष्ट्रीय स्तर पर इसकी विशेष पहचान है. सरकार संस्थान को बेहतर बनायेगी. मंत्री ने संस्थान के नये बेवसाइट का भी उदघाटन किया. मंत्री ने कहा कि संस्थान के मौजूद भवन का जीर्णोद्धार किया जायेगा. शोध की परंपरा और आगे बढ़ायी जायेगी. उन्होंने संस्थान को सरकारी कार्यों के मूल्यांकन में आगे आने तथा शोध परक तथ्यों से सरकार की मदद करने की अपील की.मंत्री ने संस्थान के शिक्षक और कर्मचारियों के लिए पेंशन की समस्या की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि यहां के कर्मियों और अन्य पदाधिकारियों के पेंशन की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए कैबिनेट से अनुमति लेने की जरूरत पड़ी, तो वह भी ली जायेगी. अध्यक्षीय भाषण में छत्त्तीसगढ़ औरा त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथा संस्थान के अध्यक्ष डीएन सहाय ने यहां हो रहे शोध कार्यों की जानकारी दी. प्रो नील रतन ने कार्यक्रम का संचालन किया.

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