मुसलिम ही राम मंदिर समस्या का कर सकते हैं समाधान: शंकराचार्य
मुसलिम ही राम मंदिर समस्या का कर सकते हैं समाधान: शंकराचार्य-गंगासागर में अपने आश्रम में संवाददाताओं के जरिये उन्होंने रखा यह सुझाव-पूरे विश्व में सिर्फ भारत में सबसे सुरक्षित जिंदगी जी रहे है मुसलमान-देश के विशिष्ट पदो पर बैठे मुसलमानों को आगे आकर सरकार से बातचीत के जरिये इस समस्या का करना होगा समाधान-शंकराचार्य ने […]
मुसलिम ही राम मंदिर समस्या का कर सकते हैं समाधान: शंकराचार्य-गंगासागर में अपने आश्रम में संवाददाताओं के जरिये उन्होंने रखा यह सुझाव-पूरे विश्व में सिर्फ भारत में सबसे सुरक्षित जिंदगी जी रहे है मुसलमान-देश के विशिष्ट पदो पर बैठे मुसलमानों को आगे आकर सरकार से बातचीत के जरिये इस समस्या का करना होगा समाधान-शंकराचार्य ने सरकार के ग्रीन-क्लीन गंगासागर की नीति का किया स्वागत, साथ ही कहा धार्मिक गुरुओं से बातचीत कर जारी रखे अपना यह अभियानकोलकाता: पूरे देश में सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है कि जहां मुसलमान सबसे ज्यादा सुरक्षित है. सदियों से इस देश में केंद्र सरकार के विभिन्न पदों पर मुसलमान सज्जन जिम्मेदारी के साथ विराजमान है. इसके कारण मौजूदा समय में देश की सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरी राम मंदिर के निर्माण का भी निबटारा मुसलिमों के योगदान व उनकी सलाह के बिना संभव नही है. इसके कारण हमारा आग्रह है कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के जैसे मुसलिम सज्जन आगे आएं और इस समस्या के निबटारे में सरकार की मदद करें. तभी इस समस्या का त्वरित समाधान हो सकता है. गंगासागर में पधारे पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने संवाददाता सम्मेलन में यह सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि देश में राम मंदिर की समस्या का समाधान तीन रास्तों पर टिका है. पहला न्यायायिक व्यवस्था के माध्यम से, दूसरा लोकसभा व राज्यसभा में बिल पास करवा कर और तीसरा रास्ता देश के जिम्मेदार मुसलिमों को आगे आकर. प्रथम दो रास्तों से इस मामले का समाधान गत 67 वर्षो से संभव नहीं हो पाया, क्योंकि राजनेता कभी राम मंदिर की समस्या का समाधान नहीं करना चाहेंगे. इसके कारण तीसरे मार्ग से ही इस समस्या का समाधान करना होगा. राज्य सरकार द्वारा गंगासागर मेले को ग्रीन क्लीन गंगासागर बनाने के सरकार के पहल की स्वामीजी ने सराहना की.