इतने कम पैसे में कैसे एग्जाम दिलवायेंगे गुरुजी
इतने कम पैसे में कैसे एग्जाम दिलवायेंगे गुरुजी- प्रैक्टिकल एग्जाम दिलवाने के लिए दिया जा रहा 160 रुपये, एक्सटर्नल बनने को कोई तैयार नहीं – 155 में 100 टीचर को आया एक्सटर्नल का लेटर, अब तक 55 ने ही भरी हामी केस वन : फिजिक्स के टीचर राहुल कश्यप (बदला हुआ नाम) को एक्सटर्नल बनाकर […]
इतने कम पैसे में कैसे एग्जाम दिलवायेंगे गुरुजी- प्रैक्टिकल एग्जाम दिलवाने के लिए दिया जा रहा 160 रुपये, एक्सटर्नल बनने को कोई तैयार नहीं – 155 में 100 टीचर को आया एक्सटर्नल का लेटर, अब तक 55 ने ही भरी हामी केस वन : फिजिक्स के टीचर राहुल कश्यप (बदला हुआ नाम) को एक्सटर्नल बनाकर औरंगाबाद सीबीएसइ ने भेजा गया. आने-जाने में उन्हें चार हजार रुपये खर्च हो गये, लेकिन सीबीएसइ ने उन्हें 160 रुपया दिया. कई सालों से राहुल कश्यप के साथ ऐसा ही हो रहा है. ऐसे में इस बार वे मेडिकल देकर प्रैक्टिकल से अलग हो गये हैं. केस टू : बायोलॉजी की टीचर रश्मि वर्मा (बदला हुआ नाम) पटना के एक प्रतिष्ठित स्कूल की टीचर हैं. 2015 में उन्हें एक्सटर्नल बनाकर गया भेज दिया गया. रश्मि को आने-जाने में पांच हजार रुपये लगे थे, जिसकी रिपोर्ट भी उन्होंने सीबीएसइ को भेजी, लेकिन सीबीएसइ ने मात्र 160 रुपये ही दिया. संवाददाता, पटनासेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) स्कूलों के अधिकांश टीचर्स के साथ इस तरह का वाकया हो रहा है. बोर्ड की ओर से एक्सटर्नल बनाकर दूसरे शहरों के स्कूल में भेज भी दिया जाता है, लेकिन पारिश्रमिक के तौर पर आज भी 160 रुपये ही दिये जाते हैं. कई बार टीचर्स द्वारा पारिश्रमिक को बढ़ाने की मांग की गयी है, पर कोई फायदा नहीं हुआ. सीबीएसइ स्कूलों में पहले प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए लोकल टीचर्स को ही एक्सर्टनल बनाकर भेजा जाता था. एक ही शहर के तमाम टीचर्स को उसी शहर के दूसरे स्कूल में एक्सटर्नल बनाया जाता था, लेकिन अब कई सालों से सीबीएसइ ने सिस्टम में बदलाव कर दिया है. प्रैक्टिकल एग्जाम पूरी तरह से कदाचार मुक्त हो, इसके लिए अब टीचर्स दूसरे शहर के स्कूल में जाकर प्रैक्टिकल लेते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक टीचर ने बताया कि पहले सिर्फ स्कूल चेंज होता था. हमें कोई खर्च नहीं होता था, लेकिन अब तीन से चार हजार रुपये खर्च हो जाते हैं और उस हिसाब से पैसा ही नहीं मिलता. मेडिकल का बहाना बना रहे मास्टर जी एक महीने पहले सीबीएसइ ने प्रैक्टिकल एग्जाम को लेकर स्कूलों को निर्देश भेजा था, लेकिन अभी तक बोर्ड के पास पूरे प्रदेश से 55 टीचर्स ने ही एक्सटर्नल बनने की हामी भरी है. काफी संख्या में टीचर्स ने मेडिकल का बहाना बना कर अपना नाम वापस ले लिया है. ज्ञात हो कि अभी पूरे बिहार में प्लस टू लेवल में 155 टीचर्स हैं, जिनमें सीबीएसइ ने 100 को एक्सटर्नल बनने का लेटर दिया था. 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा प्रैक्टिकल सीबीएसइ का प्रैक्टिकल एग्जाम 15 जनवरी से 15 फरवरी तक लिया जायेगा. हर स्कूल को प्रैक्टिकल एग्जाम को लेकर डेटशीट बाेर्ड की ओर से भेजी जा रही है. ज्ञात हो कि प्रैक्टिकल एग्जाम तो अपने ही स्कूल में स्टूडेंट को देना होता है, लेकिन एग्जाम लेने के लिए दूसरे स्कूल से टीचर्स को बुलाया जाता है. कोटप्रैक्टिकल एग्जाम 15 जनवरी से शुरू होगा. इसके लिए सीबीएसइ जल्द ही डेट शीट जारी करेगा. एक्सटर्नल जिस टीचर्स को बनाया जायेगा, उसे प्रैक्टिकल एग्जाम में जाना होता है. हर विषय से एक टीचर का रहना अनिवार्य है. राजीव रंजन सिन्हा, सिटी को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसइ