हज के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, चार अगस्त को पहला जत्था भरेगा उड़ान
पटना: आजमीन-ए-हज का पहला जत्था इस बार चार अगस्त को गया से उड़ान भरेगा. इसको लेकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भराये जाने की शुरुआत गुरुवार से हो गयी. ये फॉर्म आठ फरवरी तक भराये जायेंगे. हज भवन परिसर में फाॅर्म भरने को लेकर दो काउंटर बनाये गये हैं. यह जानकारी गुरुवार को काउंटर का उद्घाटन करने के […]
पटना: आजमीन-ए-हज का पहला जत्था इस बार चार अगस्त को गया से उड़ान भरेगा. इसको लेकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भराये जाने की शुरुआत गुरुवार से हो गयी. ये फॉर्म आठ फरवरी तक भराये जायेंगे. हज भवन परिसर में फाॅर्म भरने को लेकर दो काउंटर बनाये गये हैं. यह जानकारी गुरुवार को काउंटर का उद्घाटन करने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर ने पत्रकारों को दी.
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि जिन लोगों को हज के लिए रजिस्ट्रेशन कराना है. उनको फाॅर्म के लिए पटना आने की आवश्यकता नहीं है. आवेदक अपने जिले के अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी से फाॅर्म ले सकते हैं. हर जिले में फाॅर्म भेज दिया गया है. इस दौरान हज कमेटी के चेयरमैन सोनू बाबू, सीइओ राशिद हुसैन सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
बढ़ा कोटा, अब 10186 यात्री जायेंगे हज पर
2016 में हज पर जानेवालों के लिए कोटा बढ़ा कर 10186 किया गया है. इसको लेकर जिला स्तर पर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. 2015 में हज के लिए 9200 का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 7912 आजमीन-ए-हज ने ही रजिस्ट्रेशन फाॅर्म भरा. इतना ही नहीं, फॉर्म भरने की तुलना में महज 7476 लोग गये हैं. इस बार ऐसा नहीं हो और एक भी कोटा खाली नहीं बचे, इसको लेकर अभियान तेजी से चलाया जा रहा है.
आवेदन करनेवालों में पटना के लोग सबसे पीछे
हज पर जाने को लेकर पटना में हर सुविधा मुहैया है और यहां एक बड़ी आबादी भी रहती है, जो हर तरह से हज पर जाने लायक है, लेकिन यहां से आवेदन सबसे कम आते हैं. किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन कराते हैं. इसको लेकर हज कमेटी ने विशेष रूप में पटना, छपरा, सीवान, गोपालगंज में जागरूकता अभियान चलाया है.
हज कमेटी ऑफ इंडिया से मांगे जायेंगे चार जहाज
गया से मदीना होते हुए हज करने और वहां से वापस आने में लगभग डेढ़ माह का समय लगता है. इस समय को कम करने को लेकर बिहार हज कमेटी ने निर्णय लिया है कि हज कमेटी ऑफ इंडिया से चार जहाज की मांग करेंगे, जो कि गया एयरपोर्ट से आजमीन-ए-हज को लेकर जायेंगे. अगर कमेटी की सिफारिश मान ली जाती है, तो हज के दौरान लगनेवाले समय का अंतराल कम हो जायेगा और लोगों को सहूलियत हो जायेगी.