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बिहार : गया में दो जगहों पर एक घंटा तक चली मुठभेड़, नक्सलियों से एके-56, 14 केन बम बरामद

फतेहपुर/पटना : गया जिले में गुरुवार को नक्सलियों के साथ दो स्थानों पर जोरदार मुठभेड़ हुई. दोनों स्थानों पर मुठभेड़ करीब एक घंटा तक चली. इसके बाद सभी नक्सली घेराबंदी किये हुए स्थान को छोड़ कर पीछे भाग गये. इसके बाद चलाये गये सर्च अभियान के दौरान एके- 56 राइफल, मैगजिन, 25-25 किलो के तीन […]

फतेहपुर/पटना : गया जिले में गुरुवार को नक्सलियों के साथ दो स्थानों पर जोरदार मुठभेड़ हुई. दोनों स्थानों पर मुठभेड़ करीब एक घंटा तक चली. इसके बाद सभी नक्सली घेराबंदी किये हुए स्थान को छोड़ कर पीछे भाग गये. इसके बाद चलाये गये सर्च अभियान के दौरान एके- 56 राइफल, मैगजिन, 25-25 किलो के तीन सिलिंडर बम, 15-15 किलो के चार केन बम, सात सामान्य केन बमों के अलावा अन्य सामान भी बरामद हुए हैं. इस दौरान एक संदिग्ध को भी गिरफ्तार किया गया है.

झारखंड की सीमा से लगे फतेहपुर थाने के नौडीहा झुरांग के जंगली इलाकों और पथलदासा स्थान में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. इसमें सीआरपीएफ, कोबरा व फतेहपुर पुलिस के संयुक्त टीम ने नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस बात के संकेत मिले हैं कि फतेहपुर के पास हुई मुठभेड़ कुख्यात नक्सली कमांडर अरविंद मुखिया के दस्ते के साथ हुई. मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बल के जवानों ने आसपास के जंगलों और तमाम स्थानों में गहन छानबीन शुरू की.

फतेहपुर के पिछुली पहाड़ी-जेठियन नाला व आसपास के क्षेत्राें में सीआरपीएफ सेंकंड-इन-कमान संतोष कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गयी. इस दौरान जंगल में सीमेंट के बोरे में कुछ रखा हुआ मिला. उसकी जांच की गयी, तो उसमें भारी मात्रा में विस्फोटक मिला. बम निरोधक दस्ते ने सभी बमों को जंगल में ही डिफ्यूज कर दिया. इस मामले में फतेहपुर थाने में शिकायत दर्ज की गयी है.

देर रात तक सीआरपीएफ के जवानों की तरफ से इन स्थानों पर तलाशी अभियान जारी था. इस दौरान किसी नक्सली के गिरफ्तारी की स्पष्ट सूचना तो नहीं है, लेकिन एक संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई है. इसकी पहचान क्षेत्रीय कमांडर महिंद्र सिंह भोक्ता के रूप में की जा रही है. हालांकि, इस आशंका को स्पष्ट रूप देने के लिए पहचान की तमाम प्रक्रिया अभी चल रही है. नवीनगर इलाके में हुए कई कांडों में भी भोक्ता की तलाश चल रही थी. अगर इसकी पहचान भोक्ता के रूप में अंतिम रूप से स्थापित हो जाती है, तो यह सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता मानी जायेगी. एके-56 की बरामदगी के बाद इसे सीआरपीएफ अपने कैंप लेकर आ गयी है. इसकी जांच चल रही है. इसके बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि यह पुलिस के पास से लूटा आर्म्स है या नक्सली इसे अन्य कहीं से लेकर आये हैं.
सीआरपीएफ के आइजी शैलेंद्र कुमार ने बताया िक नक्सलियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में यह एक बड़ी सफलता है. इन इलाकों में चल रही लेवी समेत तमाम आपराधिक कार्रवाईयों पर नकेल कसने के लिए इस तरह के अभियान लगातार चलाये जा रहे हैं. आनेवाले समय में इस तरह के अभियानों को ज्यादा गति दी जायेगी.
पीएलएफआइ को घेरने की तैयारी
पटना. राज्य में पिछले कुछ महीनों के दौरान पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) ने काफी उत्पात मचा रखा है. निर्माण कंपनियों, पेट्रोल पंप के अलावा कई व्यावसायियों से लेवी वसूलने के लिए धमकी देने की घटनाएं काफी बढ़ गयी हैं. इसके मद्देनजर अब पीएलएफआइ का सफाया करने के लिए सीआरपीएफ और एसटीएफ संयुक्त रूप से ऑपरेशन करने जा रही है. इसकी शुरुआत गया से होने जा रही है. सीआरपीएफ और एसटीएफ ने पीएलएफआइ को घेरने के लिए खास रणनीति तैयार कर ली है. गया में पीएलएफआइ की गतिविधियां काफी बढ़ गयी हैं. पिछले कुछ दिनों में निर्माण कंपनियों के कई वाहनों को जलाने के अलावा चतरा सीमा से सटे एक पेट्रोल पंप को जलाने की घटनाएं हो चुकी हैं. इस कारण गया से ही पीएलएफआइ को दबोचने का अभियान शुरू किया जा रहा है. इसके लिए सीआरपीएफ और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने स्थानीय स्तर पर छानबीन शुरू कर दी है. इसमें शामिल तमाम अपराधियों की पहचान की जा रही है. साथ ही इसमें शामिल स्थानीय लोगों को भी खोजा जायेगा. इस संयुक्त अभियान में पीएलएफआइ की गतिविधि को पूरी तरह से बंद करना और इसके सभी सरगना को दबोचना मुख्य मकसद होगा. इसके लिए पड़ोसी राज्य झारखंड से भी मदद ली जा रही है. चूकि झारखंड में ही पीएलएफआइ का प्रमुख अड्डा है, जहां से पूरा ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है.

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