पासपोर्ट बनाने का अंदाज शातिराना, पकड़ना मुश्किल

पासपोर्ट बनाने का अंदाज शातिराना, पकड़ना मुश्किल – पुणे के घोड़ा कारोबारी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर सात दिनों में हासिल कर लिया था पटना से पासपोर्ट नितिश , पटना पटना में फर्जी दस्तावेजाें पर पासपोर्ट इतने शातिराना अंदाज में बनाया जा रहा है कि किसी को भनक तक नहीं लग रही है. अामतौर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2016 8:20 PM

पासपोर्ट बनाने का अंदाज शातिराना, पकड़ना मुश्किल – पुणे के घोड़ा कारोबारी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर सात दिनों में हासिल कर लिया था पटना से पासपोर्ट नितिश , पटना पटना में फर्जी दस्तावेजाें पर पासपोर्ट इतने शातिराना अंदाज में बनाया जा रहा है कि किसी को भनक तक नहीं लग रही है. अामतौर पर खाता खोलने के आवेदन देने के बाद बैंक संबंधित कागजात उस व्यक्ति के पते पर भेजा जाता है, जहां संबंधित व्यक्ति इसे रिसीव करता है. इसके बाद वह उस कागजात को लेकर बैंक आता है और उसका खाता खोल दिया जाता है. इसी तरह आधार कार्ड में अंगुलियों के साथ फोटो व आंखों के रेटिना का स्कैन किया जाता है. इसके बाद आधार कार्ड को तैयार कर उसके पते पर भेज दिया जाता है. यही नहीं, आधार कार्ड को उसकी बेवसाइट से डाउनलोड भी किया जा सकता है. लेकिन इसमें भी गिरोह इतना शातिर है कि आधार कार्ड बनवाने के लिए उसने बांग्लादेश से अब्दुल मन्नान को पटना बुला लिया और उसकी सारी प्रक्रिया पूरी कर दी. खास बात यह रही कि बैंक खाता व आधार कार्ड को खुद अब्दुल मन्नान बन कर किसी दूसरे ने रिसीव कर लिया, जिसकी भनक किसी को नहीं लग पायी और वह पूरे कागजात के साथ पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन करने पहुंच गया. इस मामले में कागजात सही है, लेकिन उसे गलत दस्तावेज के आधार पर लिया गया है. एक बार फिर से फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाये जाने का मामला सामने आने के बाद खुफिया एजेंसी व पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. गौरतलब है कि पुणे के घोड़ा कारोबारी हसन अली खान ने भी पटना के पासपोर्ट ऑफिस से फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाया था. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब हवाला के धंधे में होने के आरोप में हसन अली को प्रवर्तन निदेशालय ने पकड़ा और उसकी जांच शुरू की. हसन अली के पास से कई पासपोर्ट बरामद किये गये थे, जिनमें से एक पटना से निर्गत किया गया था. उसने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट के लिए तीन अप्रैल, 1997 को आवेदन दिया था और मात्र सात दिनों में ही दस अप्रैल, 1997 को पासपोर्ट हासिल कर लिया था. उसके पासपोर्ट के आवेदन में आलमगंज का पता दिया था और जन्म स्थान हैदराबाद था.

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