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पूजा कर बैठे ही थे कि मार दी गोली

पूजा कर बैठे ही थे कि मार दी गोलीबेऊर थाना क्षेत्र के 70 फुट के पास पकड़ी गांव के रहनेवाले रविकांत राजापुल के पास न्यू सोनाली ज्वेलर्स के नाम से दुकान चलाते थे. यह दुकान राजापुर पुल पर सुरेंद्र सिंह के मकान में (पाटलिपुत्रा में रहते हैं मकान मालिक) करीब 20 साल पहले खुली थी. […]

पूजा कर बैठे ही थे कि मार दी गोलीबेऊर थाना क्षेत्र के 70 फुट के पास पकड़ी गांव के रहनेवाले रविकांत राजापुल के पास न्यू सोनाली ज्वेलर्स के नाम से दुकान चलाते थे. यह दुकान राजापुर पुल पर सुरेंद्र सिंह के मकान में (पाटलिपुत्रा में रहते हैं मकान मालिक) करीब 20 साल पहले खुली थी. दुकान को रविकांत व उनके बड़े बेटे संभालते थे. रोज सुबह नौ बजे रविकांत घर से अपनी बाइक (बीआर-1-एडी- 5276) से दुकान पर आते थे. शनिवार को भी यही हुआ. वह सुबह का नाश्ता करके दुकान के लिए निकले. दुकान पर 9.45 बजे पहुंचे. दुकान की सफाई करने के बाद उन्होंने अगरबत्ती जलायी और पूजा करने के बाद काउंटर के पास बैठे. तभी करीब 10 बजे एक अपराधी पैदल ही उनकी दुकान पर पहुंचा और काउंटर के पास जाकर बेहद करीब से 315 बोर के कट्टे से गोली मार दी. इसके बाद अपराधी गली के रास्ते भाग गया. घटना के समय रोड व्यस्त था, गाड़ियों के जाम के बीच वह कहां चला गया, पता नहीं चल सका. इस मामले में एसके पुरी थाने की पुलिस ने मृतक के भाई के आवेदन पर हत्या का मामला दर्ज किया है. विराेध में तीन घंटे तक सड़क जामपीएमसीएच में पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर वापस राजापुर पुल आ गये. इस दौरान दुकान के सामने शव सड़क पर रख कर ट्रैफिक जाम कर दिया गया. आक्रोशित लोग अपराधी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. करीब तीन घंटे तक विरोध प्रदर्शन चलता रहा. इसके बाद पुलिस के आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ. यहां बता दें कि रविकांत प्रसाद के दो बेटे सौरभ कांत (18) व कृष्ण कांत (17) और एक बेटी सोनाली (20) हैं. डीआइजी दो घंटे तक बैठे रहे थाने परस्वर्ण व्यवसायी रविकांत की हत्या के बाद पुलिस महकमा भी दबाव में है. घटना के बाद एसएसपी मनु महाराज व सिटी एसपी मध्य चंदन कुशवाहा समेत डीएसपी सचिवालय व डीएसपी लॉ एंड ऑडर्र मौके पर पहुंचे. इसके बाद डीआइजी शालीन खुद एसकेपुरी थाने पहुंचे. उन्होंने घटना की पूरी जानकारी ली और किसी भी हालत में अपराधी को पकड़ने का निर्देश दिया. इसके बाद रंगदारी सेल को लगाया गया. हालांकि शाम को पुलिस ने मुनचुन नामक अपराधी को पकड़ा है. :::::::::::::::::::::::::::::संतोष हत्याकांड के बाद फिर सुर्खियों में आया दुर्गेश शर्मा- राजापुर पुल इलाके में अपराधी उठा रहे सिर, दिनदहाड़े दे रहे घटना को अंजामसंवाददाता, पटनासंतोष सिंह के मर्डर के बाद एक बार फिर कुख्यात दुर्गेश शर्मा सुर्खियों में आ गया है. उसके गैंग की सक्रियता बढ़ती दिख रही है. खास करके राजापुर पुल इलाके में यह गैंग रंगदारी भी वसूल रहा है अौर इनकार करनेवालों को बेमौत मार दे रहा है. पुलिस उसके गुर्गों को तो पकड़ ले रही है, पर दुर्गेश के गिरेबां तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं. एक बार फिर स्वर्ण व्यवसायी की हत्या से पुलिस के सामने इस गैंग को काबू करने की चुनौती बढ़ गयी है.दरअसल पिछले साल संतोष सिंह की हत्या के बाद दुर्गेश शर्मा के गैंग के हाथ होने की बात सामने आयी थी. पुलिस ने इस केस में उसके गुर्गों को गिरफ्तार किया, लेकिन पिछले सात साल से फरार चल रहे दुर्गेश को नहीं पकड़ सकी है. यहां बता दें कि फर्जी दस्तावेज के सहारे दुर्गेश शर्मा हाइकोर्ट से जमानत पर छूटा था. इसके बाद से वह फरार है और रंगदारी वसूल कर अपना दबदबा बनाये हुए है. खास करके बुद्धा कॉलोनी, एसकेपुरी व पाटलिपुत्रा इलाके में इस गैंग ने पांव पसार लिया है. गैंग के सदस्य व्यापारियों से रंगदारी वसूल रहे हैं और नहीं देने पर पहले धमकी, फिर मर्डर को अंजाम दे रहे हैं.14 दिनों में यह दूसरी हत्यातीन जनवरी की रात शिक्षक मधु उर्फ मधुसूदन की राजापुर पुल पर गेट नंबर 21 के पास गोली मार कर हत्या की गयी थी. ठीक चौदहवें दिन अपरााधियों ने हत्या की दूसरी घटना को अंजाम दिया है. इस हत्या ने साबित कर दिया है कि राजधानी में अपराधी बेलगाम हो गये हैं. दिनदहाड़े घटना को अंजाम दे रहे हैं.कुख्यात चांदी लाल का सगा भाई है मुनचुनसंवाददाता, पटनाअपराधी व मैनपुरा निवासी मुनचुन कुख्यात चांदीलाल का सगा भाई है. चांदी लाल वर्ष 2000 से 2007 तक पटना का आतंक रहा है, लेकिन उसके बाद से अचानक ही वह गायब हो गया. तब उसके परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जतायी. हालांकि उसका अब तक शव तक नहीं मिला है. चांदीलाल के खिलाफ हत्या, लूट व अपहरण के मामले दर्ज हैं. चांदीलाल और उस समय के अपराधी छोटका संतोषवा ने पटना में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था. दुर्गेश शर्मा भी उसी गिरोह में शामिल था. पटना में हुए डाॅ भरत सिंह अपहरण कांड में सुल्तान मियां के साथ ही इन सभी अपराधियों का नाम सुर्खियों में आया. बाद में ये सभी आपस में पैसे के बंटवारे को लेकर चांदी लाल, छोटका संतोषवा व दुर्गेश शर्मा अलग हो गये और अपना-अपना गिरोह बना लिया. इन लोगों के बीच आपस में टकराव भी हुआ था. चांदी लाल का भाई होने के कारण मुनचुन की आसानी से अपराधियों से सांठ-गांठ हो गयी. इसके बाद कई घटनाओं को अंजाम दिया. पुलिस फिलहाल इसे बुद्धा कॉलोनी में हुए लूटकांड व पाटलिपुत्र थाने के गोसाईंटोले में हुए एक घर में उत्पात के मामले में खोज रही थी. गोसाईंटोले वाले मामले में पुलिस ने एक अपराधी विक्की को जेल भी भेजा था.

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