पतंग की डोर पकड़ने में जिंदगी छूटी

फुलवारीशरीफ : पतंग और बच्चे का रिश्ता बड़ा आत्मीय होता है . बचपन में पतंग की डोर पकड़ने के चक्कर में बच्चे की नजर सिर्फ पतंग और उसकी डोर पर ही होती है. बच्चा पतंग की डोर पकड़ने के चक्कर में यह नहीं देखता की वह कहां और किस तरफ दौड़ लगा रहा है बच्चे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 2:07 AM
फुलवारीशरीफ : पतंग और बच्चे का रिश्ता बड़ा आत्मीय होता है . बचपन में पतंग की डोर पकड़ने के चक्कर में बच्चे की नजर सिर्फ पतंग और उसकी डोर पर ही होती है. बच्चा पतंग की डोर पकड़ने के चक्कर में यह नहीं देखता की वह कहां और किस तरफ दौड़ लगा रहा है बच्चे को झाड़ी ,सड़क , छत , खेत -मैदान कुछ का जरा भी आभास नहीं रहता है . कोई पतंग की डोर टूटी नहीं की हर बच्चा उस पतंग की डोर तक अपने हाथ पहुंचाने की होड़ में दौड़ पड़ता है.
फुलवारीशरीफ की फैसल कॉलोनी स्थित जंगली पीर के मजार के पास पानी भरे गड्ढे में पतंग लुटने के दौरान एक बच्चे की गिर कर मौत हो गयी. यह हादसा शनिवार की शाम की है. स्थानीय लोगों ने जैसे – तैसे बच्चे को गड्ढे से निकाला और स्थानीय डाॅक्टर से पास ले गये. जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चे की डूबने से मौत की खबर मिलते ही उसकी मां बेहोश हो गयी .
फुलवारीशरीफ की इंदिरा नगर कॉलोनी निवासी पेशे से मजदूर मो कादिर के सात वर्षीय पुत्र मो आशिक पतंग लूटने के दौरान अचानक गहरे गड्ढे में गिर गया और डूबने लगा. लोगाें ने बच्चे को डूबते देख शोर मचाना शुरू किया और दौड़े. स्थानीय वार्ड पाषर्द समेत अन्य लोग गड्ढे में घुस कर बच्चे को खोजना शुरू कर दिया. घंटों खोजने के बाद मो आशिक को निकाला गया. तब तक उसकी धीमी गति से सांसें चल रही थीं. डाॅक्टर के पास पहुंचते- पहुंचते उसने दम तोड़ दिया.
घर का इकलौता चिराग बुझ गया
हादसे के खबर घर तक पहुंची, तो कोहराम मच गया. मां शन्नु इस हादसे से बेसुध हो गयी. तीन बच्चों दो बेटी और एक इकलौता बेटा मो आशिक था.
्मां इकलौते बेटे के शव को चुमती, तो कभी उठने की बात कह कर खुद बेहोश हो जाती थी. आसपास के लोग उसे समझाने की कोशिश करते कि यही अल्लाह की मर्जी थी, तो क्या करना है. तीन साल और पांच साल की बहनें सारे मंजर को चुपचाप से देख रही थीं.

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