-परीक्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव, इस बार 40-50% प्रश्न यूपीएससी पैटर्न पर पूछे जायेंगे
संवाददाता, पटनाबिहार लोक सेवा आयोग ने पिछले सप्ताह अब तक के इतिहास में 70वीं बीपीएससी परीक्षा के रूप में सबसे बड़ी बहाली की अधिसूचना जारी की है. इस बार लगभग 2000 रिक्तियों के विरुद्ध बहाली होनी है, जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, वित्त सेवा जैसे प्रीमियर सर्विसेज की भी लगभग 500 सौ से अधिक सीटें हैं. अतः लंबे समय से अधिकारी बनने का सपना संजोये अभ्यर्थियों के लिए यह बहुत बड़ा मौका है. जब इतनी बड़ी बहाली है, तो स्वाभाविक है कि अभ्यर्थियों में काफी उत्साह है, लिहाजा इस बार 70वीं बीपीएससी में अभ्यर्थियों की संख्या के सारे रिकॉर्ड टूटेंगे. उम्मीद की जा रही है कि इस बार इस परीक्षा में छह से आठ लाख या उससे भी ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं. परीक्षा तीन चरणों में ली जायेगी, जिसमें पहला चरण पीटी (प्रारंभिक परीक्षा) का होगा, दूसरा चरण मुख्य परीक्षा का होगा और अंतिम चरण साक्षात्कार का होगा. इस संबंध में प्रभात खबर संवाददाता अनुराग प्रधान ने प्रथम चरण की तैयारियों के मद्देनजर इस परीक्षा के एक्सपर्ट पूर्व डीएसपी डॉ अखिलेश कुमार से बातचीत की, जो अभी वर्तमान में पटना सायंस कॉलेज में बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं और सिविल सर्विसेज के लिए छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं.
इस बार 40-50% प्रश्न यूपीएससी पैटर्न पर पूछे जायेंगे
डॉ अखिलेश ने विस्तार से इस परीक्षा की तैयारियों के मद्देनजर बारीक पहलुओं के बारे में बताया, जो इस प्रकार हैं. सबसे पहले उन्होंने बताया कि 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में कुल 150 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होंगे, जो 11 विभिन्न सेक्शंस जैसे-इतिहास, भूगोल, पॉलीटिक्स, इकोनॉमिक्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, आइटी, बिहार स्पेशल, करेंट अफेयर्स व मेंटल एबिलिटी से आयेंगे. परीक्षा में एक तिहाई नेगेटिव मार्किंग भी रहेगी. चूंकि इस बार अभ्यर्थियों की संख्या काफी रहेगी. अतः आयोग की तरफ से इशारा किया गया है कि परीक्षा अलग-अलग चरणों में ली जायेगी. कदाचार रोकने के लिए आयोग की तरफ से यह भी इशारा किया गया है कि अलग-अलग जिलों के परीक्षा केंद्रों के लिए प्रश्नपत्रों के अलग-अलग सेट्स होंगे. डॉ अखिलेश बताते हैं कि इस बार का पीटी अभ्यर्थियों के लिए काफी चैलेंजिंग होने वाला है. क्योंकि अब परीक्षा के पैटर्न में भारी बदलाव हुए हैं और इस बार लगभग 40-50 प्रतिशत प्रश्न अर्थात 60 से 75 प्रश्न यूपीएससी पैटर्न (स्टेटमेंट व मैचिंग आधारित) पर आने की संभावना है. आयोग की तरफ से प्रश्नों के स्तर में भी बढ़ोतरी के स्पष्ट संकेत हैं. ऐसे में अभ्यर्थियों को यही सलाह हैं कि वे सिर्फ फैक्ट रटने के चक्कर में न रहें, बल्कि कॉन्सेप्ट बिल्डिंग पर ज्यादा फोकस करें. इसके लिए उन्हें वन लाइनर किताबों, सार संग्रहों, पीडीएफ आदि को अवॉइड कर बेसिक टेक्स्ट बुक्स पर ज्यादा समय देना चाहिए.
विभिन्न आयोगों के प्रीवियस इयर्स क्वेश्चंस को करें सॉल्व
शेष बचे समय में अभ्यर्थियों को अधिक-से-अधिक रिवीजन पर ध्यान देना चाहिए. इसलिए ऊपर बताये गये सभी 11 सेक्शंस को विधिवत रिवीजन करना अभ्यर्थियों के लिए बेहतर और सुरक्षित रहेगा. किसी भी सेक्शन को ओवरलुक या इग्नोर करना बेहद खतरनाक साबित होगा. बाजारू टेस्ट सिरीज व प्रैक्टिस सेट के दुष्चक्र से उन्हें बचना चाहिए, क्योंकि वे अमूमन परीक्षा पैटर्न के समकक्ष नहीं होते हैं. प्रश्नों के अभ्यास के लिए विभिन्न आयोगों जैसे यूपीएससी, बीपीएससी, जेपीएससी, यूपीपीएससी, आदि के प्रीवियस इयर्स क्वेश्चंस को सॉल्व करना सबसे बेहतर विकल्प होगा.
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