पटना में एक दर्जन से अधिक गिरोह हैं सक्रिय
पटना में एक दर्जन से अधिक गिरोह हैं सक्रिय-कई सरगना जेल के अंदर, कुछ हैं बाहर संवाददाता, पटना पटना जिले में अपराधियों के एक दर्जन से अधिक गिरोह सक्रिय हैं, जो रंगदारी से लेकर जमीन कब्जा तक करवाते हैं. इन गिरोहों के कई सरगना अभी जेल के अंदर हैं, ताे कुछ जेल के बाहर हैं. […]
पटना में एक दर्जन से अधिक गिरोह हैं सक्रिय-कई सरगना जेल के अंदर, कुछ हैं बाहर संवाददाता, पटना पटना जिले में अपराधियों के एक दर्जन से अधिक गिरोह सक्रिय हैं, जो रंगदारी से लेकर जमीन कब्जा तक करवाते हैं. इन गिरोहों के कई सरगना अभी जेल के अंदर हैं, ताे कुछ जेल के बाहर हैं. पटना पुलिस ने रंगदारों व अपराधियों के गिरोह को पूरी तरह कुचल दिया था, लेकिन एक साल से कई गिरोह दहशत फैला कर रंगदारी वसूलने में सक्रिय हैं. हाल में ही पुलिस ने दानापुर के अपराधी मक्खन गिरोह, नौबतपुर के मनोज सिंह व उसके पूरे गिरोह को पकड़ कर जेल भेजा है. इसके साथ ही गिरोह के सरगना नीतीश यादव, गोगा पासवान, शंकर गोप, बिंदु सिंह, शंकर वर्मा जेल के अंदर हैं. वहीं दुर्गेश शर्मा, रवि गोप आदि पुलिस की पकड़ से दूर हैं. रवि गोप को पुलिस 11 साल से खोज रही है, लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है. रवि गोप का आतंक कदमकुआं, अशोक राजपथ, दरियापुर, राजेंद्र नगर इलाके में है, तो दुर्गेश की चलती बोरिंग केनाल रोड, मैनपुरा, दुजरा इलाके में है. रवि गोप एक बार जमानत से निकला, तो फिर वापस अपने किसी भी केस में उपस्थित तक नहीं हुआ. पुलिस ने उसे पकड़ने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. जेल में बंद बिंदु सिंह कोचिंग संस्थानों व चिकित्सकों से रंगदारी वसूलता था, लेकिन उसके गिरोह के कई सदस्यों को पुलिस ने पकड़ कर रंगदारी की घटनाओं को नियंत्रित कर लिया. बुद्धा कॉलोनी का शंकर गोप अभी जेल में है. उसके गिरोह के भी कई सदस्यों को पुलिस पकड़ चुकी है. हाल में पुलिस ने नौबतपुर में सरगना मनोज सिंह व उसके बेटे को पकड़ा. ये बाप-बेटे रंगदारी वसूलते थे और इनका खौफ इतना था कि कोई प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कराने थाना जाता था. फतुहा, बख्तियारपुर इलाके में नीतीश यादव व गोगा पासवान का खौफ है. रेल के ठेकेदारी से लेकर व्यवसायियों से रंगदारी वसूलना इस गिरेाह का काम है. हालांकि ये दोनों भी फिलहाल जेल के अंदर हैं. पटना में अशोक राजपथ, कदमकुआं, सुल्तानगंज इलाके में अजय वर्मा व शंकर वर्मा गिरोह की रंगदारी चलती है. शंकर वर्मा फिलहाल जेल में है. हालांकि अजय वर्मा भी जेल गया था, लेकिन फिलहाल जमानत पर है. जेल के अंदर से भी संचालित होता है गिरोह जेल के अंदर मोबाइल फोन के माध्यम से सरगना गिरोह को संचालित करते हैं. इसका खुलासा भी कई बार हो चुका है. मामला सामने आने पर पुलिस जेल के अंदर छापेमारी करती है और फिर स्थिति वही हो जाती है. कुछ दिन शांत रहने के बाद फिर से जेल के अंदर गिरोह चलाने का मामला सामने आ जाता है.