कमजोर वर्ग के लोग होते हैं मानव व्यापार के शिकार

कमजोर वर्ग के लोग होते हैं मानव व्यापार के शिकारफोटो- बिहार के 24 जिले हैं मानव व्यापार के लिए संवेदनशील संवाददाता, पटनामानव व्यापार में आज भी कमजोर वर्ग के लोगों को ही टारगेट किया जाता है. ऐसे बच्चे, महिलाएं और पुरुष इसके शिकार होते हैं, जो अशिक्षित और निर्धन परिवार से हैं. वर्तमान में मानव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 11:10 PM

कमजोर वर्ग के लोग होते हैं मानव व्यापार के शिकारफोटो- बिहार के 24 जिले हैं मानव व्यापार के लिए संवेदनशील संवाददाता, पटनामानव व्यापार में आज भी कमजोर वर्ग के लोगों को ही टारगेट किया जाता है. ऐसे बच्चे, महिलाएं और पुरुष इसके शिकार होते हैं, जो अशिक्षित और निर्धन परिवार से हैं. वर्तमान में मानव व्यापार की घटनाएं बढ़ गयी हैं. बिहार की बात करें तो 24 जिले में मानव व्यापार काफी होता है. इस पर रोक लगाने के लिए तमाम एनजीओ अौर कानून को साथ में मिल कर काम करना होगा. ये बातें पटना हाइकाेर्ट के न्यायमूर्ति और स्टेट लिगल सर्विसेज ऑथोरिटी बिहार (एसएएलएसए) के कार्यकारी अध्यक्ष आरके दत्ता ने कहीं. वे होटल पाटलिपुत्र निर्वाना में रविवार को आयोजित वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे. मानव व्यापार पर आयोजित इस वर्कशॉप में प्रदेश के 12 एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद थे. आम लोगों तक पहुंचे कानून की बातें इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शशांक शेखर ने मानव व्यापार से संबंधित कई कानूनों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मानव व्यापार से संबंधित कई कानून हैं, लेकिन इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं है. हमें आम लोगों को जागरूक करना होगा. वहीं, प्रयास संस्था के स्टेट प्रोग्राम डायरेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि मानव व्यापार संबंधित जानकारी सभी को मिलनी चाहिए. इसके लिए हम सभी संवेदनशील हों. कार्यक्रम को अधिवक्ता संजू सिंह, ओम प्रकाश, पीके शर्मा आदि ने भी संबोधित किया.

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