बेखौफ अपराधी पैदल ही भाग गये. राजधानी में एक माह के भीतर 8 दुस्साहसी हत्याएं क्या रुटीन क्राइम है. इंजीनियरों–डाक्टरों और व्यवसायियों को दहशत में डालनेवाली घटनाओं की झड़ी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छिटपुट वारदात (आइसोलेटेड इन्सीडेंट्स) बताते हैं. उन्हें बताना चाहिए कि दरभंगा में दोहरे हत्याकांड के 22 दिन बाद भी हत्यारे गिरफ्त से बाहर क्यों हैं.
क्या शिवदीप लांडे और विकास वैभव जैसे सक्षम पुलिस अफसर संगठित अपराधियों के दबाव में नहीं बदले गये़ नीतीश कुमार ने कहा था कि वे किसी के दबाव में काम नहीं करते, लेकिन आईबी की रिपोर्ट बताती है कि रोहतास के एसपी लांडे का तबादला वहां के खनन माफिया के दबाव में हुआ था. राजनीतिक संरक्षण वाले अपराधी गिरोहों के दबाव की वजह से मुख्यमंत्री कानून का शासन कायम करने में नाकाम हैं. अपराधियों को कुचल देने के उनके निर्देश खोखले साबित हो रहे हैं.