विधानसभा में फिर हंगामा आधा घंटा ही चली कार्यवाही

पटना: विधानसभा में गुरुवार को विपक्षी दल भाजपा और राजद आपस में उलझते नजर आये. गांधी मैदान में हुए विस्फोट की प्रशासनिक जांच की मांग को लेकर भाजपा के सदस्यों ने हंगामा किया. हंगामे की वजह से सदन में प्रश्नोत्तरकाल व ध्यानाकर्षण सूचनाओं का जवाब नहीं हो पाया. कुल मिला कर सदन की पहली पाली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2013 8:01 AM

पटना: विधानसभा में गुरुवार को विपक्षी दल भाजपा और राजद आपस में उलझते नजर आये. गांधी मैदान में हुए विस्फोट की प्रशासनिक जांच की मांग को लेकर भाजपा के सदस्यों ने हंगामा किया. हंगामे की वजह से सदन में प्रश्नोत्तरकाल व ध्यानाकर्षण सूचनाओं का जवाब नहीं हो पाया. कुल मिला कर सदन की पहली पाली की कार्यवाही महज आधे घंटे में ही निबट गयी.

पहली दफा 10 मिनट तक कार्यवाही चली. दोबारा जब दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू हुई, तो हंगामे के बीच शून्यकाल, सीएजी रिपोर्ट और विभिन्न समितियों की रिपोर्ट ही सदन की पटल पर रखा जा सका. इस पर राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा जनहित के मुद्दे को सदन में उठाना नहीं देना चाहती है. जब आतंकवाद व संप्रदायवाद पर चर्चा हो गयी, प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री ने जवाब दे दिया, तब इसे मुद्दे को उठाने का कोई औचित्य नहीं है.

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के सदस्य वेल में आकर गांधी मैदान हादसे की प्रशासनिक चूक की जांच की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कहा, आसन आपकी बात सुनने के लिए तैयार है. आप अपनी सीट पर जाएं. सदन प्रक्रिया,नियमावली और परंपरा से चलती है. सदन के संचालन में सहयोग करें, लेकिन उनकी इस अपील का कोई असर भाजपा सदस्यों पर नहीं पड़ा. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने भी कुछ कहना चाहा, लेकिन उनकी आवाज हंगामे में डूब कर रह गयी. हंगामा थमते नहीं देख स्पीकर ने दोपहर 12 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.

भाजपा सदस्यों ने नहीं पढ़ीं शून्यकाल की सूचनाएं : दोबारा 12 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो फिर हंगामा शुरू हो गया. स्पीकर ने कहा कि भाजपा के अश्विनी कुमार चौबे ने पटनदेवी मंदिर की सुरक्षा से संबंधित कार्यस्थगन की सूचना दी है, जो नियमानुकूल नहीं है. इसे अमान्य किया जाता है. दूसरा कार्यस्थगन सूचना दिनेश कुमार सिंह ने लाया था जो निर्धारित समय के बाद दिया गया था. इसलिए उसे अमान्य किया जाता है. इसके बाद शून्यकाल शुरू हुआ. गैर भाजपाई सदस्यों ने शून्यकाल की सूचना को पढ़ा,लेकिन भाजपा के ज्ञानचंद मांझी, जनक सिंह, रणधीर कुमार सोनी, अरुण शंकर प्रसाद, मोती लाल प्रसाद, अमन कुमार व कुमार शैलेंद्र ने अपनी सूचनाएं नहीं पढ़ी.

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