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स्टार्ट अप योजना के लिए बना 500 करोड़ का फंड

पटना : स्टार्ट अप योजना के तहत बिहार में नया उद्योग लगाने वालों को विभाग कई तरह की सहुलियतें मुहैया करायेगा और विशेष प्रोत्साहन देगा. इसके लिए विभाग ने 500 करोड़ का फंड बनाया है. उक्त जानकारी गुरुवार को उद्योग विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारि शरण ने दी. वे सूचना-भवन में संवाददाता सम्मेलन में बोल […]

पटना : स्टार्ट अप योजना के तहत बिहार में नया उद्योग लगाने वालों को विभाग कई तरह की सहुलियतें मुहैया करायेगा और विशेष प्रोत्साहन देगा. इसके लिए विभाग ने 500 करोड़ का फंड बनाया है. उक्त जानकारी गुरुवार को उद्योग विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारि शरण ने दी. वे सूचना-भवन में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि स्टार्ट अप योजना का ड्राफ्ट तैयार हो गया है. जल्द ही इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा.
उन्होंने बताया कि इस योजना पर पिछले वर्ष से ही एक्सपेरिमेंट हो रहा है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और इंटरप्रेन्योर एसोसिएशन नेे कई प्रयोग किये हैं और सुझाव भी दिये हैं. इस योजना के तहत उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए बिना कोलेस्टर सुरक्षा के बेंचर कैपिटल मुहैया कराये जायेंगे. उन्होंने बताया कि सूबे में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नयी औद्योगिक नीति बनायी गयी है. जून, 2016 से वह अस्तित्व में आ जायेगा.
उन्होंने दावा किया कि नयी औद्योगिक नीति पिछली नीति से बेहतर होगी. उन्होंने स्वीकार किया कि बिहार में सबसे अधिक फूड प्रोसेसिंग उद्योग लगाने में उद्यमियों ने रुचि दिखायी है.
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाने के लिए विभाग ने उद्यमियों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराने का अभियान चलाया है. सूबे में फूड पार्क भी स्थापित हो रहे हैं. इस पर विभाग 50 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. सूबे में चावल मिलें खोलने में भी उद्यमी बड़ी संख्या में इंट्रेस्ट ले रहे हैं. राइस मिल खोलनेवालों को बढ़ावा देने के लिए भी विभाग विशेष अभियान चला रहा है.
इन सबके के अलावा तसर और मलबरी प्लांटेशन पर भी व्यापक स्तर पर काम चल रहा है. बिहार में हस्तकरघा योजना को तो प्रमोट किया ही गया है, रंगरेजों को भी बुनकर बीमा से जोड़ी गया है. हैंडलूम कलस्टर योजना की सफलता के लिए उसे विपनन सहायता योजना से संबद्ध किया गया है. संवाददाता सम्मेलन में उद्योग विभाग के कई पदाधिकारी भी उपस्थित थे.

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