बैंककर्मियों की ईमानदारी से प्रगति: कोविंद
पटना : आज के दौर में बैंक कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और सामाजिक प्रतिबद्धता से देश और समाज की प्रगति व समृद्धि पहले से ज्यादा जुड़ गयी है. मौजूदा परिवेश में बैंक सिर्फ आर्थिक कारोबार के ही केंद्र नहीं रह गये हैं, बल्कि सामाजिक विकास एवं राष्ट्रीय नवनिर्माण में भी इनकी उल्लेखनीय भूमिका हो गयी […]
पटना : आज के दौर में बैंक कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और सामाजिक प्रतिबद्धता से देश और समाज की प्रगति व समृद्धि पहले से ज्यादा जुड़ गयी है. मौजूदा परिवेश में बैंक सिर्फ आर्थिक कारोबार के ही केंद्र नहीं रह गये हैं, बल्कि सामाजिक विकास एवं राष्ट्रीय नवनिर्माण में भी इनकी उल्लेखनीय भूमिका हो गयी है.
सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन का बहुत कुछ दारोमदार अब बैंकों की सक्रियता और तत्परता पर निर्भर करने लगा है. ये बातें राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने रवींद्र भवन में भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ की आमसभा में शनिवार को उद्घाटन करते हुए कहीं.
राज्यपाल ने कहा कि बिहार के 10 जिलों के 13 प्रखंडों में वाणिज्यिक बैंकों की एक भी शाखा स्थापित नहीं है.
बिहार में साख-जमा-अनुपात भी वर्ष 2014-15 में 44.59 प्रतिशत ही दर्ज किया गया है, जो राष्ट्रीय अनुपात 78 प्रतिशत से काफी कम है. वर्ष 2014-15 में शिक्षा ऋण में 50.46 प्रतिशत की उपलब्धि भी संतोषजनक नहीं मानी जा सकती. कुछ ऐसी ही स्थिति कृषि ऋण के वितरण में भी है. राज्यपाल ने बैंक अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे राज्य में लघु एवं सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में उद्यमियों को भरपूर मदद करें और छात्रों को भी शिक्षा ऋण उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि किसानों को भी कृषि ऋण वितरण करने में तत्परता दिखाएं.
बिहार के विकास में सहयोग करें बैंक : वित्त मंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि बैंकों को बिहार के विकास में पूर्ण सहयोग करना चाहिए. मंत्री ने सरकार और बैंकों के बीच निरंतर संवाद कायम रखने पर जोर दिया.
कार्यक्रम को राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह, स्टेट बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीटीएफ राजेंद्र देव, राष्ट्रीय महासचिव वाइ सुदर्शन, प्रांतीय अध्यक्ष उमाकांत सिंह, प्रांतीय महासचिव घनश्याम प्रसाद श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया.