भाजपा राज्यों पर वित्तीय बोझ डाल रही : संजय

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आयी है किसी न किसी तरीके से राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ डाल रही है. केंद्र सरकार हर माेरचे पर विफल हो चुकी है और अपनी लाज बचाने का उपाय ढूंढ रही है. इंदिरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2016 7:54 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आयी है किसी न किसी तरीके से राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ डाल रही है. केंद्र सरकार हर माेरचे पर विफल हो चुकी है और अपनी लाज बचाने का उपाय ढूंढ रही है.
इंदिरा आवास में पहले केंद्र व राज्य का अंश 75-25 था. केंद्र प्रायोजित इंदिरा आवास योजना में राज्यांश में 50 प्रतिशत कर देने से राज्य सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर सीधा असर पड़ेगा. वहीं, सर्व शिक्षा अभियान के तहत पहले 65 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 35 फीसदी राशि राज्य सरकार अपने अंशदान के रूप में देती थी, लेकिन वर्तमान मोदी सरकार ने केंद्रांश कम कर 50 फीसदी कर दिया है.
ऐसे हालात में बिहार के भाजपा नेता सुशील मोदी राज्य सरकार के टैक्स के बढ़ोतरी पर बोल रहे हैं. सुशील मोदी को शर्म आनी चाहिए कि वो इस मुद्दे पर बोल रहे हैं. राज्य सरकार अपनी विकास की योजनाओं और जनसरोकार से जुड़ी योजनाओं को चलाने के लिए पैसे कहां से लायेगी. केंद्र सरकार द्वारा पोषित योजनाओं में कटौती हो रही है, उसकेबाद ये सवाल उठाना एक अपरिपक्व राजनेता की पहचान है.
संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी ने कभी केंद्र सरकार को ये नहीं लिखा कि राज्य में गरीब पिछड़ों के लिए दिये जाने वाली छात्रवृति में केंद्रांश बढ़ा दें. उसके बावजूद केंद्र सरकार ने उसमे भी राज्यांश को बढ़ा दिया. केंद्र सरकार पिछड़े और दलितों के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है.
उसके हित में एक रुपया खर्च नहीं कर सकती. सुशील मोदी आज सवाल उठा रहे हैं कि बिहार में कुछ समानों पर टैक्स क्यों बढाया गया तो सुशील मोदी बताएं कि इस टैक्स वृद्धि से कौन लोग प्रभावित होंगे? टैक्स बढाने में इतनी सावधानी बरती गई है कि इससे गरीबों पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा. ये टैक्स उन सामानों पर है जो लग्जरियस होते हैं, जो ऐशो-आराम के लिए उपयोग में लाये जाते हैं. जो टैक्स बढ़ा है उसे देने वाले तो कोई विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन सुशील मोदी को इसके लिए मिर्ची लग रही है.

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