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दूसरे राज्य कर रहे बिहार की मोबाइल स्वास्थ्य पहल सेवा का अनुसरण
पटना : बिहार में गर्भवती महिलाओं तथा नवजातों की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए लागू की गयी सीसीए (कंटीन्यूस केयर सर्विसेज) पहल का अनुसरण दूसरे राज्य भी कर रहे हैं. बिहार की इस पहल से प्रेरणा लेकर महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) विकसित किया है. इस विकसित सॉफ्टवेयर को […]
पटना : बिहार में गर्भवती महिलाओं तथा नवजातों की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए लागू की गयी सीसीए (कंटीन्यूस केयर सर्विसेज) पहल का अनुसरण दूसरे राज्य भी कर रहे हैं. बिहार की इस पहल से प्रेरणा लेकर महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) विकसित किया है.
इस विकसित सॉफ्टवेयर को आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में लागू किया जायेगा. सरकार को टेक्निकल सपोर्ट दे रही केयर इंडिया ने इंफॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी आधारित सीसीए पहल लागू की थी. इसमें फ्रंट लाइन वर्करों को मोबाइल फोन से लैस किया गया था. बिहार की आइसीटी-सीसीएस पहल को अंतरराष्ट्रीय मंचों से भी मान्यता तब मिली जब उसे अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में आयोजित ग्लोबल मोबाइल हेल्थ सम्मिट में मोबाइल हेल्थ एलायंस कोलाबरेशन अवार्ड मिला.
आइसीटी-सीसीएस का प्रयोग पहली बार बिहार के सहरसा में लागू किया गया, जिससे हज़ारों महिलाएं, पुरुष बच्चे लाभान्वित हुए.
यह सरल और प्रभावी है जिसमें आशा और आंगनवाड़ी सेविकाओं ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए मोबाइल और संबंधित टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया. सीसीएस के माध्यम से दूरदराज की गर्भवती महिलाओं, माताओं और नवजातों का रजिस्ट्रेशन, सही समय पर स्वास्थ्य सूचना तथा उन्हें गर्भावस्था, प्रसव के बाद देखभाल के चरणों को चिह्नित करने में मदद मिलती है.
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