15 के बाद लोहिया पथ चक्र का निर्माण होगा
पटना : बेली रोड में ट्रैफिक समस्या से निजात पाने के लिए ललित भवन से विद्युत भवन तक चार जंकशन वाले लोहिया पथ चक्र का निर्माण 15 फरवरी के बाद शुरू होगा. निर्माण सात फेज में होगा. इसमें फ्लाइओवर के साथ अंडर पास सड़क का निर्माण होना है. नयी तकनीक से बनने वाली सड़क पर […]
पटना : बेली रोड में ट्रैफिक समस्या से निजात पाने के लिए ललित भवन से विद्युत भवन तक चार जंकशन वाले लोहिया पथ चक्र का निर्माण 15 फरवरी के बाद शुरू होगा. निर्माण सात फेज में होगा.
इसमें फ्लाइओवर के साथ अंडर पास सड़क का निर्माण होना है. नयी तकनीक से बनने वाली सड़क पर ट्रैफिक को किसी भी टर्निंग पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी. इस सड़क पर बिना ट्रैफिक सिग्नल के यातायात संभव होगा. लोहिया पथ चक्र की कुल लंबाई 2700 मीटर है. इसके निर्माण पर 391.48 करोड़ खर्च होंगे.
बनेगी अस्थायी सड़क
निर्माण कार्य शुरू करने के लिए बेली रोड में अस्थायी सड़क बनायी जायेगी, ताकि यातायात के संचालन में परेशानी न हो. इसके लिए विश्वेश्वरैया व विकास भवन की बाउंड्री तोड़ी जायेगी. पहले अंदर नयी बाउंड्री बनेगी फिर वर्तमान बाउंड्री को तोड़ा जायेगा. टूटनेवाली बाउंड्री की जगह अस्थायी सड़क का निर्माण होगा. गृह विभाग से बाउंड्री तोड़ने की अनुमति मिल गयी है. अगर आवश्यकता महसूस की गयी तो ट्रैफिक को डायवर्ट भी किया जा सकता है.
चालू है पहले फेज का काम
बेली रोड में ट्रैफिक लोड को देखते हुए सात फेज में निर्माण कराने का फैसला लिया गया है. पहले फेज के तहत दारोगा राय पथ में काम शुरू हो गया है. यहां हड़ताली मोड़ से आगे बांयें फ्लैंक में फ्लाइओवर बनाने का काम चल रहा है.
दूसरे फेज में ललित भवन, तीसरे फेज में पुनाईचक, चौथे फेज में हाइकोर्ट, पांचवें फेज में विश्वेश्वरैया भवन, छठे फेज में हड़ताली मोड़ व अंतिम सातवें फेज में बोरिंग केनाल रोड में काम होगा.
पुल निर्माण निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि हाइकोर्ट के पास निर्माण के दौरान ट्रैफिक डायवर्ट किया जायेगा. हड़ताली मोड़ से डाक बंगला चौराहा जानेवाले सीधे बेली रोड के बायें फ्लैंक से जायेंगे. हाइकोर्ट से हड़ताली मोड़ जाने के क्रम में हाइकोर्ट से सटे दक्षिण बेली रोड से होते हुए लोग हड़ताली मोड़ जायेंगे.
नयी तकनीक वाली सड़क
लोहिया पथ चक्र का निर्माण स्वैप बेस्ड ट्रैफिक इंटर चेंज (एसबीटीआइ) व ग्रेड सेपरेटेड यू टर्न इंटरचेंज (जीएसयूआइ) तकनीक से हो रहा है. यह इन तकनीकों से बननेवाली देश की पहली सड़क है. सड़क का निर्माण आइआइटी दिल्ली की संस्था फाउंडेशन फॉर इनोवेशन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआइटीटी) व बिहार राज्य पुल निर्माण निगम करा रही है. एसपी सिंघला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को इसका निर्माण दो साल में पूरा करना है.