एक लाख 10 हजार टोलों में पाइप से पानी

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय में शामिल घर-घर में पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था ने एक कदम आगे बढ़ाया है. पीएचइडी ग्रामीण इलाके में घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने की व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव तैयार किया है. विभागीय मंत्री की सहमति के बाद प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2016 2:08 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय में शामिल घर-घर में पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था ने एक कदम आगे बढ़ाया है. पीएचइडी ग्रामीण इलाके में घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने की व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव तैयार किया है. विभागीय मंत्री की सहमति के बाद प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा.
मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद घर-घर पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था पर काम शुरू होगा. अगले पांच साल में एक लाख 10 हजार 140 टोले में घरों में पानी पहुंचाने का काम पाइप से होगा. घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पीएचइडी ने अगले पांच साल के लिए प्रस्ताव तैयार किया है. घर-घर पाइप से पानी पहुंचाने पर पांच साल में लगभग 30 हजार करोड़ खर्च होगा.
इसके बाद उस पर अंतिम मुहर लगेगी. घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने का काम तीन स्तरीय होगा. सरकार के सात निश्चय में घर-घर पेयजल पहुंचाना प्राथमिकता सूची में शामिल है. राज्य में सबके लिए शुद्ध पेयजल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार संकल्पित है.
गांव में हर घर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए विभाग के अन्तर्गत चलने वाली विभिन्न योजनाओं पर काम के लिए सभी पहलुओं पर विचार करते हुए क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न मॉडलों का प्रस्ताव तैयार किया है. जिन इलाके में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है वहां शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए तीन स्तरीय योजना बना कर काम होगा. इसके लिए वृहद जलापूर्ति योजना, मिनी जलापूर्ति योजना व ड्वेल ट्यूब योजना के तहत पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था होगी.
ग्रामीण इलाके में घर-घर पाईप से पानी पहुंचाने का काम हो रहा है.
पानी पहुंचाने के लिए विभिन्न जगहों पर 335 स्कीम चल रहा है. इसमें केंद्र की योजना के साथ राज्य सरकार द्वारा योजना शामिल है. राज्य में लगभग छह हजार टोले में पाइप से पानी पहुंचाने पर अभी काम चल रहा है. लगभग एक लाख टोले में घरों में हैंड पंप से काम चल रहा है.
दो साल में तैयार होगी डीपीआर
ग्रामीण इलाके में घर-घर पानी पहुंचाने की व्यवस्था के लिए विभाग सर्वे करा कर पहले डीपीआर तैयार करेगी. डीपीआर बनाने का काम आगामी वित्तीय वर्ष 2016 से लेकर दिसंबर 2017 तक होगा.
विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव में हर तीन माह में पांच हजार से आठ हजार गांव का सर्वे कर उसका डीपीआर बनाने का प्रावधान है. इसके बाद बने डीपीआर के अनुसार काम होगा. प्रस्ताव में उन इलाके पर विशेष फोकस किया गया है, जिस इलाके में पानी दूषित है. लोगों को फ्लोराइड, आयरन व आर्सेनिक युक्त पानी की जगह ट्रीटमेंट कर शुद्ध पानी पहुंचाने का काम होगा. पहले उन गांव को चिह्नित किया जायेगा, जहां पेयजल का संकट है.
सात स्तरों पर पानी पहुंचाने की व्यवस्था
गांव में पानी पहुंचाने की व्यवस्था सात स्तर पर होगी. इसमें टोले में आबादी की संख्या के अनुसार काम होगा. विभाग पांच सौ ,एक हजार, दो हजार, तीन हजार, चार हजार, पांच हजार व पांच हजार से उपर की आबादी के टोले को चिंहित कर काम करेगा. महादलित टोले में जलापूर्ति व्यवस्था के लिए विशेष ध्यान रहेगा.

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