सीएम नीतीश बताएं विजन डॉक्यूमेंट 2025 का क्या हुआ : मोदी
पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि बढ़ चला बिहार अभियान के तहत जनभागीदारी कार्यक्रम से तैयार होने वाला विजन डॉक्यूमेंट–2025 का क्या हुआ? इस अभियान के तहत कहां–कहां कार्यक्रम हुए और कितना खर्च हुआ? क्या यह सच नहीं है कि बढ़ चला बिहार के […]
पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि बढ़ चला बिहार अभियान के तहत जनभागीदारी कार्यक्रम से तैयार होने वाला विजन डॉक्यूमेंट–2025 का क्या हुआ? इस अभियान के तहत कहां–कहां कार्यक्रम हुए और कितना खर्च हुआ?
क्या यह सच नहीं है कि बढ़ चला बिहार के प्रचार अभियान के जरिये सरकारी खर्च पर जदयू का प्रचार किया गया? सरकार अविलंब श्वेतपत्र जारी कर खुलासा करें. विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए प्रदेश के 40 हजार गांवों में 400 सुसज्जित प्रचार वाहनों से पर्यवेक्षक और तकनीशियन के साथ सभाएं करनी थी. सिटीजन एलायंस कंपनी को प्रति सभा 2,833 रुपये और नियुक्त पर्यवेक्षक व कर्मी को 30 हजार और 11,756 रुपये प्रति माह की दर से भुगतान करना था.
जनभागीदारी के अलावा राज्य व जिला स्तर पर गौरव गोष्ठी, उद्घोष, बिहार व्याख्यानमाला, जिज्ञासा, राज्य के बाहर प्रवासी बिहारियों के बीच बिहार डेवलपमेंट डायलॉग और संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित किया जाना था. सरकार स्पष्ट करें कि ये सारे कार्यक्रम कब और कहां हुए व इन पर कितना खर्च आया?
क्या यह सच नहीं है कि 20 मई, 2015 को सरकार ने नोयडा, उत्तर प्रदेश की जिस सिटीजन एलायंस प्रालि को बढ़ चला बिहार कार्यक्रम के प्रचार के लिए सूचिबद्ध किया था, उसका निबंधन उसी साल 15 फरवरी को मात्र एक लाख रुपये के शेयर पूंजी के साथ हुआ था?
क्या भाजपा ने जब इस मामला को उजागर किया कि इतनी छोटी पूंजी वाली एजेंसी को इतनी बड़ी राशि का काम कैसे दे दिया गया तो ढाई महीने बाद 15 जुलाई,2015 को संशोधन करते हुए सिटीजन एलायंस प्रा. लि. के साथ हैदराबाद की जे डब्ल्यू माइंडसेट प्रा. लि. को जोड़ लिया गया.
उन्होंने पूछा कि सरकार बतायें कि बढ़ चला बिहार अभियान की पीआर एजेंसी से जदयू का चुनाव प्रचार करने वाली एजेंसी का क्या संबंध था. उन्होंने आराेप लगया है कि जिलों में न तो वांछित संख्या में प्रचार वाहन भेजे गए, न उनमें निर्धारित उपकरण लगे, न सभाएं हुई, मगर बाद में मुख्यमंत्री की ओर से जिला जनसंपर्क पदाधिकारियों पर दबाव बना कर झूठे विपत्रों को सत्यापित करा कर प्रचार एजेंसी सिटीजन एलायंस और पर्यवेक्षकों–कर्मियों को करोड़ों रुपये का भुगतान कराया गया. ऐसे में सरकार अविलंब श्वेत पत्र जारी कर बढ़ चला बिहार अभियान के तहत हुए कार्यक्रमों और खर्च तैयार किए गये विजन डॉक्यूमेंट–2025 का खुलासा करें.