चौथी बार शरद बनेंगे JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष
पटना : शरद यादव की लगातार चौथी बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ताजपाेशी हो सकती है. पार्टी ने संगठन चुनाव की तिथियां घोषित कर दी हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जावेद रजा के दस्तखत से जारी अधिसूचना के अनुसार 28 जून को अध्यक्ष पद का चुनाव होगा. इसी दिन पार्टी का खुला […]
पटना : शरद यादव की लगातार चौथी बार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ताजपाेशी हो सकती है. पार्टी ने संगठन चुनाव की तिथियां घोषित कर दी हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जावेद रजा के दस्तखत से जारी अधिसूचना के अनुसार 28 जून को अध्यक्ष पद का चुनाव होगा. इसी दिन पार्टी का खुला अधिवेशन भी होगा.
जदयू को फरवरी में नया चुनाव चिह्न भी मिल जायेगा. इसके लिए पार्टी महासचिव केसी त्यागी और सांसद आरसीपी सिंह ने हाल ही मेें मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर पार्टी की भावना से अवगत करा दिया है.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी को वृक्ष चनाव चिह्न आवंटित हो सकता है. जावेद रजा ने बताया कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया 31 मार्च से शुरू होगी. इस दिन से सदस्यता अभियान आरंभ हो जायेगा. आठ अप्रैल तक जिला कार्यालयों पर सदस्यता शुल्क के साथ आवेदन जमा हो सकेगा. 15 अप्रैल को जिला कार्यालयों में सदस्यता सूची जारी होगी.
राज्य इकाई में 22 अप्रैल तक आवेदन जमा होंगे. केंद्रीय कार्यालय के हिस्से की राशि 29 अप्रैल तक जमा हो सकेगी. छह मई तक जिला सदस्यता का विवाद का निबटारा हो सकेगा और 15 मई तक राज्य सूची में संशोधन हो सकेगा. प्राथमिक या पंचायत स्तर के चुनाव 29 मई तक पूरा कराया जायेगा.
प्रखंड अध्यक्ष और जिला के लिए सदस्यों का निर्वाचन पांच जून तक, जिलाअध्यक्ष और राज्य परिषद के लिए चुनाव 12 जून को कराया जायेगा. राज्य अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का चुनाव 19 जून को होगा. 22 जून को राष्ट्रीयक अध्यक्ष के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होगी. 24 जून को नामांकन होगा. 26 जून को नामांकन की जांच की जायेगी और 27 जून को नाम वापसी की तिथि निर्धारित की गयी है. जरूरत पड़ने पर 28 जून को वोटिंग करायी जायेगी और इसी दिन मतों की गिनती भी होगी. चुनाव के बाद इसी दिन खुला अधिवेशन भी होगा.
रजा ने कहा कि पार्टी में परिपाटी है कि नये अध्यक्ष शुरुआती सत्र को संबोधित करेंगे, जहां वह संगठन का खाका पेश करेंगे. शरद यादव 2006 में जॉर्ज फर्नांडीस के बाद पहली बार अध्यक्ष बने थे. पार्टी के संविधान के अनुसार अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल दो साल के लिए होता है. बहरहाल, संगठनात्मक चुनाव में देरी हुई, जिस वजह से शरद यादव के 10 साल के कार्यकाल में तीन बार संगठन के चुनाव हो पाये हैं.