मारपीट में घायल कैदी की पीएमसीएच में मौत

पटना : बेऊर जेल में सजा काट रहे बीमार कैदी की मौत पीएमसीएच में गुरुवार की सुबह हो गयी. गाड़ी चोरी के आरोप में राजमणि यादव को बेऊर जेल में बंद किया गया था. 23 जनवरी को जेल में मारपीट की घटना के बाद उसे जेल प्रशासन ने पीएमसीएच में भरती कराया था. सिर व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2016 7:29 AM
पटना : बेऊर जेल में सजा काट रहे बीमार कैदी की मौत पीएमसीएच में गुरुवार की सुबह हो गयी. गाड़ी चोरी के आरोप में राजमणि यादव को बेऊर जेल में बंद किया गया था. 23 जनवरी को जेल में मारपीट की घटना के बाद उसे जेल प्रशासन ने पीएमसीएच में भरती कराया था. सिर व सीने में अधिक चोट आने की वजह से उसकी हालत काफी गंभीर हो गयी थी और गुरुवार की सुबह पांच बजे उसकी मौत हो गयी.
अस्पताल प्रशासन ने शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों के हवाले शव को सौंप दिया. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने कहा कि अत्यधिक चोट होने की वजह से उसे नहीं बचाया जा सका. वहीं कैदी की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश निकाला. कैदी के बहनोई प्रमोद कुमार ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन की मिलीभगत से राजमणि यादव की मौत हुई है.
मामला हत्या में तब्दील
इस मामले में जेल अधीक्षकशिवेंद्र प्रियदर्शी ने कक्षपाल शिवजी सिंह व मंगल हांसदा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और हेड वार्डन शिवजी राय व कुलदीप मंडल से स्पष्टीकरण पूछा है. मौत होने के बाद बेऊर थाने में दर्ज मामला हत्या में तब्दील कर दिया गया है.
जेल अधीक्षक शिवेेंद्र प्रियदर्शी ने इस मामले की न्यायिक जांच करने का भी अनुरोध न्यायालय से किया है. जेल अधीक्षक शिवेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि अगर स्पष्टीकरण संतोष जनक नहीं होगा, तो उन लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. वहीं बेऊर थानाध्यक्ष ने बताया कि खून से सनी बरामद चादर और ईंट को जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है.
बेऊर जेल का मामला
बेऊर जेल में 23 जनवरी की रात सरस्वती खंड के 3/7 में आजीवन सजा काट रहे बंदी जागेश्वर मांझी ने अपने साथी बंदी व डकैती के आरोपित विचाराधीन बंदी राजमणि यादव के सिर पर ईंट से हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था. घायल कैदी को पीएमसीएच में एडमिट कराया था.
बताया जाता है कि जागेश्वर मांझी से राजमणि यादव बार-बार उसके परिवार को लेकर अश्लील मजाक करता था. इससे जागेश्वर काफी खफा था और वह कई बार मना कर चुका था, पर राजमणि नहीं मानता था.

Next Article

Exit mobile version