पहल: सरकारी नौकरी के तर्ज पर बोर्ड के प्लॉट-मकानों में भी आरक्षण
पटना: बिहार राज्य आवास बोर्ड अपने भूखंडों व फ्लैटों की आवंटन प्रक्रिया में सरकारी नौकरी में मिलनेवाले आरक्षण प्रावधान को लागू करने जा रहा है. इसको लेकर आवास बोर्ड एक्ट-82 में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है. इसके साथ ही संशोधन प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिले, […]
पटना: बिहार राज्य आवास बोर्ड अपने भूखंडों व फ्लैटों की आवंटन प्रक्रिया में सरकारी नौकरी में मिलनेवाले आरक्षण प्रावधान को लागू करने जा रहा है. इसको लेकर आवास बोर्ड एक्ट-82 में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है. इसके साथ ही संशोधन प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिले, इसको लेकर प्रस्ताव सरकार के समक्ष भेज दिया गया है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आवास बोर्ड अपने भूखंड-फ्लैट के आवंटन में आरक्षण प्रावधान लागू कर देगा.
1990 से ठप है आवंटन प्रक्रिया : आवास बोर्ड एक्ट 1982 में भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जिसमें आर्थिक आधार के साथ-साथ विकलांग व महिलाओं को भी आवंटन में लाभ दिया गया है. इस एक्ट में किये गये प्रावधान के अनुरूप 1990 तक आवासीय, आवासीय सह व्यावसायिक भूखंडों व फ्लैटों का आवंटन होता रहा. वर्ष 1990 के बाद से आवंटन प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गयी. इसके साथ ही वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड भी अलग हो गया है. ऐसे में एक्ट में संशोधन की जरूरत महसूस की जाने लगी. हालांकि एक्ट में संशोधन के बाद ही आवंटन प्रक्रिया शुरू की जानी थी, लेकिन अब इसे लागू करने की कवायद शुरू हुई है. गौरतलब है कि पिछले 25 वर्षों में आवास बोर्ड के अधिकतर भूखंडों व फ्लैटों पर स्थानीय लोगों का कब्जा है.
पूर्व सैनिकों को भी दी गयी है तरजीह : वर्ष 1982 में जो आरक्षण का प्रावधान था, उसमें आज काफी बदलाव आ गया है. यही कारण है कि सरकारी नौकरी में वर्तमान आरक्षण प्रावधान के अनुरूप आवास बोर्ड के भूखंडों आवंटन में भी आरक्षण लागू करने की कवायद की जा रही है. साथ ही इस संशोधित एक्ट में सभी श्रेणियों के पूर्व सैनिकों को 10 प्रतिशत भूखंड व फ्लैट आवंटन में आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है.
आर्थिक आधार में भी किया जा रहा संशोधन : आवास बोर्ड ने अपने भूखंडों व फ्लैटों को चार श्रेणियों में बांटा है, जिसमें एलआइजी, एमआइजी, एचआइजी और कमजोर वर्ग के लिए जनता फ्लैट. इन फ्लैटों व भूखंडों के आवंटन में सलाना आय का आधार बनाया था. आवास बोर्ड के अधिकारी कहते के अनुसार एलआइजी आवंटन के लिए 20 हजार रुपये सालाना आय की जरूरत थी, लेकिन आज मासिक आय 20 हजार रुपया हो गया है. इस स्थिति में आवास बोर्ड आर्थिक आधार में भी संशोधन करने जा रहा है. एक्ट में हुए संशोधन की कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है, तो आवंटन प्रक्रिया शुरू करने में आसानी हो जायेगा.
आवंटी से ज्यादा अतिक्रमणकारियों का कब्जा
आवास बोर्ड की राजधानी सहित आरा, गया, छपरा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया, दरभंगा, डेहरी ऑनसोन सहित 11 जिलों में खाली भूखंड और फ्लैट हैं, लेकिन इन जिलों में शत-प्रतिशत भूखंडों व फ्लैटों का आवंटन नहीं किया गया है. स्थिति यह है कि आवास बोर्ड के भूखंडों व फ्लैटों में हजारों की संख्या में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. इसका एक उदाहरण पटना स्थित बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी है, जहां आवंटी से ज्यादा अतिक्रमणकारी रह रहे हैं.