पटना : पटना के धनरुआ में तैनात दारोगा रंजीत कुमार की चालबाजी की पोल खुल गयी है. उसने पहले अपनी पत्नी को मायके के लिए विदा किया और फिर नवादा कोर्ट में दूसरी महिला को खड़ा कर दो दिनों के अंदर तलाक ले लिया. इसकी जानकारी तब हुई, जब वह पत्नी को दोबारा घर लाने से मना किया. घरवालों ने महिला राज्य आयोग रांची में जब आवेदन दिया, तो उसने जवाब में तलाक का पेपर भेज दिया. अब महिला ने इस तलाक की कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट ने उसके आपत्ति के आवेदन को स्वीकार कर लिया है.
झारखंड के रजरप्पा के रहनेवाले मुनेश्वर राम ने अपनी बेटी सिंहस्थ की शादी आठ दिसंबर, 2010 को बिहार के नवादा में रंजीत कुमार से की थी. शादी के वक्त वह बेरोजगार था. कुछ माह बाद वह बिहार पुलिस में जमादार के पद पर चयनित हुआ. बाद में वह दारोगा हो गया. वर्तमान समय में वह पटना के धनरुआ थाने में तैनात है. मुनेश्वर का कहना है कि नौकरी में आने के बाद उसने पैसे की डिमांड शुरू कर दी. इसके लिए सिंहस्थ से मारपीट करता था.
इस बीच एक साल पहले वह बेटी के घर पहुंचे और उसे विदा करा कर घर लाये. कुछ महीने बाद पुन: रंजीत से बात की गयी और विदाई के लिए रिक्वेस्ट किया गया, लेकिन वह नहीं तैयार हुआ. इस पर राज्य महिला आयोग में दहेज उत्पीड़न के संबंध में आवेदन दिया गया. जब आयोग ने उसे नोटिस भेज कर बुलाया तो उसने खुद उपस्थित न होकर तलाक के कागजात भेज दिये. पेपर के मुताबिक 22 मई, 2014 को तलाक का आवेदन कोर्ट में मंजूर हुआ और 24 मई, 2014 को तलाक मंजूर हो गया. इससे सभी लोग हैरान हो गये. मुनेश्वर का कहना है कि इसके बाद ही तलाक के बात की जानकारी हुई.
पत्नी ने कोर्ट में दिया बयान, मेरी जगह दूसरी महिला को किया गया पेश
तलाक की जानकारी होने पर मुनेश्वर अपनी बेटी को लेकर नवादा काेर्ट पहुंचे. वहां पर कोर्ट में बयान हुआ. सिंहस्थ देवी ने अपने बयान में कहा है कि वह एक भी दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई है, उसकी जगह पर दूसरी महिला को पेश किया गया है. कोर्ट को भी गुमराह किया गया. इसके बाद उसने कोर्ट में इस तलाक को तोड़ने के लिए फिर से आवेदन दिया है. कोर्ट ने आवेदन को मंजूर कर लिया है.
दारोगा जी का एक और फर्जीवाड़ा
एक ही समय में थाने व कोर्ट दोनों जगह उपस्थित मुनेश्वर कुमार ने रंजीत कुमार की तैनाती वाले थाने से सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी कि जिस दिन में कोर्ट में सुनवाई हुई है, वह कहां थे. थाने से जो जानकारी मिली है, वह हैरान करनेवाली है. दारोगा थाने में भी उपस्थित रहे हैं और कोर्ट में भी हाजिरी बनाये हैं. घरवालों ने इस संबंध में एसपी सिटी चंदन कुशवाहा से मिल कर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही यह भी कहा कि उन्हें सूचना का अधिकार के तहत जानकारी देने में थाना देर करता है.