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दीघा पुल : खुल गया उत्तर बिहार को जोड़ने वाला तीसरा द्वार, दौड़ी पहली ट्रेन
पटना : राजधानी पटना से उत्तर बिहार के लिए तीसरा रास्ता दीघा रेल पुल बुधवार से आम लोगों के लिए खुल गया. मोकामा पुल व गांधी सेतु के बाद दीघा गंगा पुल होगा जो उत्तर बिहार को सीधे राजधानी से जोड़ेगा. रेलवे ने पहले ही दिन इस रेल पुल पर कुल छह जोड़ी ट्रेनें चलाने […]
पटना : राजधानी पटना से उत्तर बिहार के लिए तीसरा रास्ता दीघा रेल पुल बुधवार से आम लोगों के लिए खुल गया. मोकामा पुल व गांधी सेतु के बाद दीघा गंगा पुल होगा जो उत्तर बिहार को सीधे राजधानी से जोड़ेगा. रेलवे ने पहले ही दिन इस रेल पुल पर कुल छह जोड़ी ट्रेनें चलाने की घोषणा की है.
ये ट्रेनें पाटलिपुत्र जंकशन से सोनपुर, बरौनी, गोरखपुर व रक्सौल-नरकटियागंज के लिए चलायी जायेंगी. इनमें दो नयी डेमू सेवा होगी जबकि अन्य का मार्ग विस्तार कर उसे पाटलिपुत्र जंकशन तक लाया गया है.
1997-1998 के बजट में शामिल इस पुल के करीब बीस वर्षों बाद खुलने से बड़े वर्ग को राहत मिलने की उम्मीद है. मोकामा रेल पुल व गांधी सेतु सड़क पुल की दुर्दशा को देखते हुए भविष्य में दीघा पुल उत्तर बिहार के लिए बड़ी लाइफलाइन साबित होगी.
जानिए दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल को : —
– 600 करोड़ रुपये की लागत से 1997-98 के बजट में शामिल
– नवंबर 2001 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की अनापत्ति
– पहले सिर्फ रेल पुल स्वीकृत, लेकिन वर्ष 2006 में विस्तारित कर रेल सह सड़क सेतु की स्वीकृति. लागत बढ़ कर 1389 करोड़ पहुंची.
– वर्ष 2013 में इसकी लागत बढ़ कर 2921 करोड़ हो गयी. इसमें रेलवे की हिस्सेदारी 56.64 प्रतिशत जबकि राज्य सरकार की हिस्सेदारी 43.36 प्रतिशत की गयी.
– स्पैन पुल का निर्माण रेलवे की एजेंसी इरकॉन ने किया है. इसमें तीसरी एजेंसी का सहयोग भी लिया गया. एप्रोच रोड का निर्माण गैमन इंडिया ने किया है.
– निर्माण लक्ष्य कई बार बदला. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले इसको चालू करने की काफी कोशिश की गयी, लेकिन बिंद टोली व एप्रोच रोड में अड़ंगा के चलते काम पूरा नहीं हो सका.
– बिंद टोली से विस्थापितों को हटाये जाने के बाद पूर्वी क्षेत्र के रेलवे सुरक्षा आयुक्त पीके आचार्या ने दो चरणों में पुल के दोनों छोर का निरीक्षण किया.
– निरीक्षण के करीब 11 दिन बाद 16 जनवरी को रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने शर्तों के साथ परिचालन की अनुमति दे दी. अनुमति के तत्काल बाद उसी दिन दानापुर से छपरा के लिए मालगाड़ी चलायी गयी.
60 किमी प्रति घंटे से दौड़ेगी ट्रेन
रेलवे संरक्षा आयुक्त के निर्देशानुसार फिलहाल 4.56 किमी लंबे दीघा रेल पुल पर 60 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति व एप्रोच रोड पर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से ही ट्रेन चलायी जायेगी.
घट जायेगी दूरी
दीघा रेल पुल चालू होते ही उत्तर बिहार से राजधानी की दूरी भी घट जायेगी. फिलहाल उत्तर बिहार जाने वाली ट्रेनों को बरौनी के रास्ते मोकामा पुल होते हुए ले जाया जाता है. दीघा पुल चालू होने पर पटना-छपरा के बीच 200 किमी की दूरी अब घट कर मात्र 64 किमी रह जायेगी.
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