BIHAR : 60 दलित छात्रों ने दी थी आत्महत्या की धमकी, सरकार ने भरी फीस

पटना : राज्य सरकार भुवनेश्वर के राजधानी इंजीनियरिंग काॅलेज में पढ़नेवाले अनुसूचित जाति और जन जाति के साठ छात्रों की बकाया चल रहे पिछले डेढ़ साल की फीस भरेगी. छात्रों की आत्महत्या की धमकी से पहले ही सरकार ने अधिकतर छात्रों की फीस के पैसे भेज दिये हैं. बाकी के करीब दर्जन भर छात्रों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2016 7:35 AM

पटना : राज्य सरकार भुवनेश्वर के राजधानी इंजीनियरिंग काॅलेज में पढ़नेवाले अनुसूचित जाति और जन जाति के साठ छात्रों की बकाया चल रहे पिछले डेढ़ साल की फीस भरेगी. छात्रों की आत्महत्या की धमकी से पहले ही सरकार ने अधिकतर छात्रों की फीस के पैसे भेज दिये हैं.

बाकी के करीब दर्जन भर छात्रों के पैसे बुधवार को भेज दिये जायेंगे. अनुसूचित जाति और जन जाति कल्याण विभाग के मंत्री संतोष निराला ने यह दावा किया है. मंत्री ने बताया कि भुवनेश्वर की इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे छात्रों की फीस नहीं भरने पर कॉलेज प्रशासन द्वारा नाम काटने की धमकी के और छात्रों की आत्महत्या की चेतावनी को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. मंगलवार की सुबह विभाग में खलबली रही.
पड़ताल के बाद पता चला कि अधितर छात्रों के फीस के पैसे 22 जनवरी को ही भेज दिया गया है. मंत्री ने कहा कि 12 छात्रों के बैंक एकाउंट गलत होने के कारण पैसे का भुगतान नहीं किया गया था.
गड़बड़ी दूर कर ली गयी है. बुधवार को उनके पैसे भी संबंधित काॅलेज प्रशासन को उपलब्ध करा दिया जायेगा. उन्होंने स्वीकार किया है कि इस मद की राशि के भुगतान में जांच के कारण देरी होती है. हाल ही में इसे समय पर निबटाने के लिए एक सेल का भी गठन कर दिया गया है.
इसके पहले इंजीनियरिंग काॅलेज प्रशासन ने सभी छात्रोंं को फीस जमा नहीं होने के कारण काॅलेज से बाहर निकालने की चेतावनी दी थी. काॅलेज की इस चेतावनी से छात्र डर गये और उन्होंने आत्महत्या की धमकी दी.
राजधानी इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ रहे सभी साठ छात्र बिहार के हैं और अनुसूचित जाति और जन जाति समुदाय से आते हैं. अजा-जजा कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अनावश्यक जांच के कारण छात्रों को कॉलेज में प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है. इस समुदाय के छात्र देश के विभिन्न भागों में पढ़ाई करते हैं.
विभाग द्वारा समय पर फीस नहीं भरने के कारण छात्रों को अनावयक विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है. छाेटी-छोटी गलती के चलते फीस मद की राशि नहीं भेजा जाता है, जिसे आसानी से ऑन लाइन सुलझाया जा सकता है.

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