पालीगंज में सरपंच की हत्या : झारखंड पुलिस के छह हथियार सीज

पटना : पटना जिले के पालीगंज में सरपंच की हुई हत्या के मामले में झारखंड के छह पुलिसकर्मियों को छह घंटे तक पूछताछ के बाद छोड़ िदया गया है. हालांिक जांच के िलए पटना पुलिस ने झारखंड पुलिस के छह हथियारों को सीज कर लिया है और जांच के लिए एफएसएल को भेज िदया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2016 6:37 AM
पटना : पटना जिले के पालीगंज में सरपंच की हुई हत्या के मामले में झारखंड के छह पुलिसकर्मियों को छह घंटे तक पूछताछ के बाद छोड़ िदया गया है. हालांिक जांच के िलए पटना पुलिस ने झारखंड पुलिस के छह हथियारों को सीज कर लिया है और जांच के लिए एफएसएल को भेज िदया गया है.
इसकी िरपोर्ट िमलने के बाद ही पता चलेगा िक हथियार से फायरिंग हुई है या नहीं. उधर सरपंच के भतीजे ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है और अपने बयान में कहा है िक उन्होंने यह नहीं देखा है िक िकसकी गोली सरपंच को लगी है.
एसएसपी इस बात की जांच कर रहे हैं कि जिस गोली से सरपंच की मौत हुई है वह झारखंड पुलिस की गोली है या नहीं और यदि है तो किस परिस्थिति में झारखंड की पुलिस को गाेली चलानी पड़ी. झारखंड पुलिस की गोली से मौत की पुष्टि होने पर झारखंड पुलिस के जवानों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो सकता है. पुलिस मुख्यालय के शीर्षस्थ अधिकारी ने कहा कि निर्दोश व्यक्ति की जान गयी है. पुलिस इसकी गहन छानबीन कर रही है.
जो दोषी होंगे उनके खिलाफ केस दर्ज किया जायेगा और कार्रवाई भी होगी. शाम साढे पांच बजे पुलिस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस बुलायी गयी.
प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी मुख्यालय सुनील कुमार ने कहा कि पालीगंज में अपराधी लवकुश शर्मा की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी के दौरान चली गोली में सरपंच की मौत की पटना पुलिस जांच कर रही है. इस संबंध में रांची से एक इंस्टपेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों से गहरी पूछताछ भी हुई है, हालांिक इसके बाद पुलिसकर्मियों को छोड़ िदया गया है और वह वापस रांची लौट गये है. इस मामले की पूरी जांच एफएसएल िरपोर्ट पर टीकी है. िरपोर्ट से इस बात का खुलासा हो सकेगा िक गोली रांची पुलिस के हथियार से चली है या नहीं.
उन्होने कहा िक विधि सम्मत कार्रवाई होगी. श्री कुमार ने कहा कि यह पता किया जा रहा है कि सरपंच की मौत की वजह क्या है.
पटना पुलिस पूरी जांच के बाद उचित कार्रवाई करेगी. पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि रांची पुलिस ने अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की सूचना पालीगंज थाने को दे दी थी, पर रांची पुलिस को पुलिस के वरीय अधिकारियों को सूचना देनी चाहिए थी. रांची पुलिस के पक्ष को रखने के लिए झारखंड पुलिस के किसी अधिकारी को पटना प़हुंचने के बारे में उन्होंने अनभिज्ञता व्यक्त की.
मिला पांच लाख का मुआवजा
पटना : पालीगंज में गोली के शिकार हुए सरपंच के परिवार को पांच लाख का मुआवजा दिया गया हैं. डीएम संजय अग्रवाल ने बताया कि परिवार को बुधवार को ही मुआवजे का चेक प्रदान कर दिया गया.
अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी
पटना : सरपंच रामनाथ के भतीजे राजेश ने अज्ञात के खिलाफ पालीगंज थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी है. उसने फिलहाल किसी को नामजद नहीं बनाया है. उसने प्राथमिकी में इस बात की जानकारी दी है कि जिस समय घटना हुई थी वह चाचा के पास ही था. सरपंच घर से बाहर निकले.
कुछ देर बाद उन्हें गोली लगने की जानकारी मिलने पर वह बाहर निकला तो पाया कि उसके चाचा खून से लथपथ गिरे हुए हैं.इधर, पटना पुलिस फिलहाल झारखंड पुलिस से पूछताछ कर चुकी है. उनके छह हथियारों को जब्त कर लिया गया है. जब्त हथियारों में पिस्टल व एके 47 भी शामिल हैं. हथियारों को जांच के लिए एफएसएल भेजा जायेगा. सरपंच को गोली मारने का शक झारखंड पुलिस पर भी है. लेकिन, गाेली सरपंच के शरीर से आर-पार होने के कारण बुलेट नहीं मिल पायी थी. इस कारण मामला उलझ गया है. एफएसएल से जांच के बाद इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि झारखंड पुलिस के किसी पदाधिकारी या जवान के हथियार से गोली लगी थी या नहीं.
सिटी एसपी पश्चिमी, राजीव मिश्रा ने बताया कि जांच जारी है डीआइजी शालीन ने बताया कि एसएसपी को मामले की जांच के निर्देश दे दिये गये थे. एसएसपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि घटनास्थल से कोई बुलेट नहीं मिला है. इससे यह स्पष्ट नहीं है कि गोली किसने चलायी थी.
एसएसपी व सिटी एसपी ने आठ घंटों तक की जांच
एसएसपी मनु महाराज व सिटी एसपी पश्चिमी राजीव मिश्रा बुधवार सुबह से पालीगंज में ही थे. इस दौरान एसएसपी व सिटी एसपी ने घटनास्थल पर जा कर जांच की और वहां से लोगों से पूछताछ की. वे आठ घंटे तक ही नौबतपुर में जमे रहे. इसके बाद नौबतपुर थाने में जा कर झारखंड पुलिस से भी जानकारी ली. बताया जाता है कि झारखंड के पुलिस अधिकारी भी पालीगंज पहुंच चुके थे और अपने स्तर पर जांच करने में जुटे थे. जांच करने के बाद वे लोग वापस झारखंड के लिए लौट गये.

Next Article

Exit mobile version