सुशील मोदी बोले, पानी पर राजनीति कर रही सरकार
पटना . भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गरमी शुरू होने से पहले लोगों तक पानी पहुंचाने की योजनाएं लागू करने में तेजी लायी जाती हैं, लेकिन नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री चापानल योजना को बंद करने की घोषणा की. इसकी जगह पाइप से पेयजल आपूर्ति करने की […]
पटना . भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गरमी शुरू होने से पहले लोगों तक पानी पहुंचाने की योजनाएं लागू करने में तेजी लायी जाती हैं, लेकिन नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री चापानल योजना को बंद करने की घोषणा की. इसकी जगह पाइप से पेयजल आपूर्ति करने की नयी योजना शुरू की जा रही है.
इसे पूरा करने में 15 साल का समय और हजारों करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. अभी राज्य के 1,10,140 टोलों में से मात्र 5.49 फीसद टोलों तक पाइप से पानी पहुंचाया गया है. ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं बंद पड़ी हैं. सरकार पानी पर केवल राजनीति कर रही है. मोदी ने कहा कि राज्य के विभिन्न शहरों में पाइप से जलापूर्ति की समस्याएं दूर नहीं की जा सकीं, सभी गांवों में चापानल भी नहीं लग पाया.
एक फरवरी को मुख्य अभियंता ने चापानल योजना बंद करने–संबंधी निर्देश जारी किये. इस योजना के अंतर्गत हर विधायक प्रत्येक पंचायत में पांच चापानल लगवा सकता था, लेकिन अब विधायक अपने क्षेत्र की जनता को पानी तक नहीं पिला सकेंगे. यह भी ध्यान नहीं रखा गया कि जो लाखों चापानल खराब पड़े हैं, उनका क्या होगा. विधायकों ने फरवरी, 2016 से पहले जहां चापानल लगाने की सिफारिश की है, क्या वहां भी चापानल नहीं लगेंगे?
मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत पांच साल के भीतर सभी गांवों में पाइप से घरों तक जलापूर्ति होनी है, लेकिन जिन सैकड़ों गांवों का नंबर अंत में आयेगा, उनका क्या होगा?
उन गांवों में भी जब नये चापानल नहीं लगेंगे, तब क्या वहां के हजारों लोगों को बंद पड़े चापानलों के सहारे प्यासा छोड़ दिया जायेगा. पानी चापानल का हो या पाइप से घर तक पहुंचा हो, उसका सुरक्षित होना जरूरी है. पाइप से पानी की ब्रांडिंग में लगी सरकार को बताना चाहिए कि जिन 33 जिलों का पानी आर्सेनिक, फ्लोराइड या आयरन की अधिक मात्र के कारण पीने योग्य नहीं है, वहां फिल्टर करने की क्या व्यवस्था की जायेगी.