एनआइए व एटीएस के बाद आइबी भी सक्रिय
पटना : करबिगहिया में तीन प्रेशर बम और अन्य विस्फाेटक सामग्रियों के मिलने के मामले में पुलिस और जांच एजेंसियाें की पड़ताल अलग-अलग राह पर है. जांच एजेंसियां इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एनआइए, एटीएस के बाद सोमवार को आइबी की टीम […]
पटना : करबिगहिया में तीन प्रेशर बम और अन्य विस्फाेटक सामग्रियों के मिलने के मामले में पुलिस और जांच एजेंसियाें की पड़ताल अलग-अलग राह पर है. जांच एजेंसियां इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एनआइए, एटीएस के बाद सोमवार को आइबी की टीम भी जांच में जुट गयी है. आइबी की टीम ने कंकड़बाग पहुंच कर पूरे मामले को खंगाला है और अब तक की रिपोर्ट ली है. रिमांड मिलने पर जांच एजेंसियां सौरभ और राहुल से विशेष तौर पर पूछताछ करेंगी.
विस्फोटक कहां से मिले, किसके माध्यम से मिले यह पता लगाया जा रहा है. अगर विस्फोटक खरीदा गया है तो दुकान के लाइसेंस का सत्यापन किया जायेगा. वहीं पटना पुलिस की कार्रवाई को अगर देखा जाये, तो वह इसे सिर्फ रंगदारी वसूलने का मामला बता रही है.
बम बरामदगी मामले में पटना पुलिस की जांच धीमी चल रही है. पुलिस मानने को तैयार नहीं है कि अपराधी किसी बड़े संगठन से जुड़े हैं. यह हाल तब है, जब बहादुरपुर ब्लास्ट और रामकृष्णानगर इलाके से केन बम बरामदगी मामले में पीएलएफआइ के सदस्यों के हाथ होने की बात स्पष्ट हो चुकी है. अवधेश कुमार उर्फ चुहवा, रांची से गिरफ्तार सोनू, कुंदन समेत अन्य अपराधी जेल में बंद हैं. लगातार पटना में संगठन के पांव फैलाने के संकेत मिल रहे हैं, पर पुलिस इस नेटवर्क को तोड़ने के बजाय उसकी संलिप्तता को खारिज कर रही है.
घड़ी को एटीएस ने लिया अपने कब्जे में
बम मिलने के बाद दूसरे दिन वाटर प्यूरीफायर दुकान से राहुल और सौरभ की निशानदेही पर लोटस घड़ी के बरामद होने के बाद एटीएस ने घड़ी काे कब्जे में ले लिया है. एनआइए भी इसकी जांच कर रही है.
इसके अलावा सोमवार को घटनास्थल की जांच करने के बाद आइबी की टीम कंकड़बाग थाने में भी पहुंची. थाने से एफआइआर की कॉपी ले गयी. साथ ही सभी तथ्यों को खंगाला. उधर जक्कनपुर थाने की तरफ से दोनों अपराधियों के रिमांड के लिए अर्जी दी जानी है. रिमांड मिलने पर पुलिस के अलावा जांच एजेंसियां भी पूछताछ करेंगी.
ट्रेनिंग तक पर होगी कड़ी पूछताछ
राहुल और सौरभ से जांच एजेंसियां उनकी ट्रेनिंग के बारे में पूछेंगी. उन्होंने बम बनाना कहां से सीखा, वह एक्सपर्ट कौन है, जिसने बम बनाना सिखाया. ट्रेनिंग कहां मिली. इसके अलावा प्रेशर बम बनाने में जिस विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ, उसकी खरीद कहां से हुई, किस अपराधी संगठन ने मुहैया कराया है.
अगर दुकान से खरीदा गया है, तो उस दुकान का सत्यापन होगा. दुकान का लाइसेंस चेक किया जायेगा. हालांकि यह जांच पटना पुलिस को करनी थी, लेकिन पुलिस इस केस में दिलचस्पी नहीं ले रही है. अब तक रिमांड की डिमांड तक नहीं की गयी है. दोनों की गिरफ्तारी के बाद कोई वेरिफिकेशन नहीं कराया गया है.
राजेंद्रनगर टर्मिनल की जांच
रेल एसपी पीएन मिश्रा ने सोमवार को राजेंद्र नगर टर्मिनल की सुरक्षा का जायजा लिया. वहां जीआरपी थाने के पदाधिकारियों से मिल कर सर्तकता के दृष्टिकोण से निर्देश दिये. यह जांच करबिगहिया में बम बरामदगी के बाद की गयी है. पता चला था कि राजेंद्रनगर में भी विस्फोट कराने की तैयारी थी. हालांकि इस कड़ी में कोई सुराग नहीं मिला है.