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क्राइम कथा : भीड़ ने कातिल बन बैठे प्रेमी को दे दी मौत की सजा

क्राइम कथा के आज के इस अंक में पढ़िए एक बेइंतहा प्यार के दिल में पलने, टूटने और बिखरने की कहानी. कच्ची उम्र में शुरू हुए इस प्यार ने जब जवानी के मोड़ पर साथी का हाथ छूटता देखा, तो उसके जज्बात किस तरह से बेकाबू हो गये. वक्त ने किनारा कर लिया, लहरों ने […]

क्राइम कथा के आज के इस अंक में पढ़िए एक बेइंतहा प्यार के दिल में पलने, टूटने और बिखरने की कहानी. कच्ची उम्र में शुरू हुए इस प्यार ने जब जवानी के मोड़ पर साथी का हाथ छूटता देखा, तो उसके जज्बात किस तरह से बेकाबू हो गये. वक्त ने किनारा कर लिया, लहरों ने साहिल से दूरी बनाने की कोशिश की तो दिल में छुपा वर्षों पुराना तूफान सुनामी बन कर सामने आया. इरादे खतरनाक हो गये और अंजाम खूनी हो गया. प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को खंजर भोंक दिया, तो भीड़ ने कातिल बन बैठे प्रेमी को दे दी मौत की सजा.
विजय सिंह
vijay12november@gmail.com
पटना : वर्ष 2015 का दिसंबर माह. साल समाप्ति की ओर है. नया साल में युवा मन जश्न की तैयारियां कर रहा है. कोई नेपाल जाने के प्लान में है, तो कोई कोलकाता. सैर-सपाटा, दावत और मौज-मस्ती के साथ चौखट पर खड़े वर्ष 2016 के स्वागत की जबरदस्त तैयारी है.
पर, दिनेश राम (21) को कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है. मन उचटा हुआ है, खुशियों के सितारे बुझे हुए लग रहे हैं, न आंखों में नींद है और न ही सकून. मन-ही-मन निराशा बढ़ती जा रही है, जैसे लग रहा है कि कुछ छूट रहा है. जो दिल के सबसे करीब है, वह दूर जा रहा है. दूरी की आहट भी है और आंखों के सामने उसका साया मौजूद हाेने का भ्रम भी. ऊहापोह का मंजर है, और अजीब कशमकश भी. दिनेश के मन ने निश्चय किया है कि इस बार नये साल को सेलिब्रेट नहीं करना है, घर में बैठे रहेंगे. यह फैसला इसलिए है, क्योंकि मुकद्दर ने साथ छोड़ने का इशारा कर दिया है. जिसके लिए सबकुछ था, वह अब अकेलापन दे रही है. इसी उधड़बुन में आधी रात कट गयी. दिनेश बिस्तर पर है, पर उसे नींद नहीं आ रही है. जैसे-तैसे रात कटी.
सोनबरसा प्रखंड (सीतामढ़ी) के कन्हौली इलाके में बगहा का रहनेवाला दिनेश राम 12वीं का छात्र है. गोयनका कॉलेज सीतामढ़ी में वह पढ़ाई करता है और कल्याण छात्रावास में रहता है. दिसंबर का महीना है और वह अपने घर पहुंचा है. घर में बड़े भाई विनोद और मां मौजूद हैं.
गांव आये दो दिन बीत चुके हैं. दिनेश राम गांव में घूमने गया है. शाम कोजबवापस लौटा, तो उसकी मां और भाई गुस्से में थे. दिनेश का जम कर क्लास हुआ. लगातार झाड़ सुन रहे दिनेश ने जब यह जानना चाहा कि आखिर बात क्या है, भाई उस पर चिल्लाया. बोला कि सुनना ही चाहते तो सुनो, थाने का चौकीदार रामनारायण पासवान आया था. उसने बताया कि गांव की खुशबू (18) की मां शैल देवी ने शिकायत की है. तुमने खुशबू के साथ छेड़छाड़ किया है. यह आरोप सुनते ही दिनेश राम की घिग्घी बंध गयी. वह पत्थर के बूत की तरह खामोश खड़ा हो गया. गाली सुनता रहा और फिर अचानक फट पड़ा.
उसने अपने घरवालों काे बताया कि उसने कोई छेड़छाड़ नहीं किया है. खुशबू उसकी बचपन की दोस्त है और वह उससे प्यार करता है. दिनेश ने दावा किया है कि खुशबू भी उससे प्यार करती है. मैं उससे शादी करना चाहता हूं. भाई को प्रेम में बहकते देख विनोद ने कहा कि वह प्रेम नहीं करती है, सिर्फ तुम उसके पीछे पागल होकर पड़े हो. तुमसे प्यार करती, तो दूसरे लड़के से शादी के लिए तैयार नहीं होती. यह बात दिनेश को चुभ गयी.
दरअसल उसे नहीं मालूम था कि खुशबू की शादी तय हो गयी है. उसे विनोद ने बताया कि सोनबरसा प्रखंड की इंदरवा पंचायत के सहाेरवा गांव में उसकी शादी पक्की हुई है. 19 फरवरी, 2016 को उसकी शादी होनी है, इसलिए उसका मोह छोड़ दो, और अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाओ. नहीं तो थाना-पुलिस होगा, जेल जाना चाहते हो तो करो अपने मन की.
आज की यह घटना दिनेश राम पर बहुत भारी पड़ी. वह दुख के सागर में डूब गया. यही वजह था कि वह आगामी नये साल की खुशियों से अपने को दूर कर लिया था. बिल्कुल अलग-थलग. दरअसल इस घटना के बाद से ही खुशबू का फोन आना बंद हो गया था. दोनों न मिल पा रहे थे और न ही दोनों के बीच कोई बातचीत ही हो पा रही थी. गांव के लड़कों को यह सब पता था, गांव में यह हवा चल चुकी थी कि आजकल दिनेश सबसे दूर-दूर क्यों रहता है.
जिस गांव में पहुंचने पर वह मस्ती में डूबा रहता है, गांव की आबो-हवा उसे खुशियों का एहसास कराती थी, वह अब दमघुटने जैसा माहौल दे रही है. वह परेशान है और किसी तरह से खुशबू से मिलना चाहता है. बहुत प्रयास के बाद किसी तरह से दोनों मिले, बातें हुईं और भ्रम टूट गया. खुशबू ने अपनी मजबूरी बतायी और प्रेम के इस रिश्ते को यहीं ब्रेक देने की बात हुई. लेकिन, प्रेम की भावनाओं में बह रहे दिनेश के लिए यह सबकुछ इतना आसान नहीं था.
उसने बहुत समझाने की कोशिश की, पर खुशबू ने दो टूक जवाब दिया कि वह वही करेगी, जो उसके घरवाले कहेंगे. अब इसके बाद इस रिश्ते को आगे बढ़ने की कोई गुंजाइश नहीं बची थी. खुशबू की बातें आज उसके दिल को टीस दे रही थीं, वह समझ नहीं पा रहा था कि अचानक उसकी प्रेमिका कैसे बदल गयी. उसे खूब गुस्सा आ रहा था और खुशबू उसे भूल जाने की बात कह रही थी. अचानक वह चीख उठा और यह कह कर निकल गया कि तुम्हारी शादी या तो हमशे होगी या फिर किसी से नहीं होगी.
दरअसल यह बचपन का प्रेम था. यह इतने आसानी से खत्म होने वाला नहीं था. एक ही गांव के रहनेवाले दिनेश और खुशबू उस समय करीब आये थे, जब दोनों गांव के ही मध्य विद्यालय में पढ़ रहे थे.
दिनेश उससे दो क्लास आगे था. पिछले छह साल से कच्ची उम्र का यह प्रेमी जोड़ा एक-दूसरे के साथ जीने और मरने की कसमें खा चुका था. जब इस प्यार की शुरुआत हुई, तो दोनों किशोरावस्था में थे. जब तक दोनों एक स्कूल में पढ़े, तब तक कोई मुश्किल नहीं हुई. दोनों मिलते और बातें करते. लेकिन पिछले दो वर्षों से मुश्किलें तब आड़े आने लगीं, जब दिनेश राम 10वीं कक्षा में चला गया. वह पढ़ने के लिए गोयनका कॉलेज सीतामढ़ी चला गया.
अब दोनों में मेल-जोल कम हो गया. फोन पर बातें होती थीं. यह सिलसिला चलता रहा. इसके बाद खुशबू भी जब 10वीं कक्षा में पहुंची, तो उसका एडमिशन इटहरवां हाइस्कूल में हो गया. गांव का स्कूल छूटने के बाद सिर्फ फोन ही था, जिस पर बातें होती थीं. हालांकि इस प्रेम कहानी की जानकारी पूरे गांव काे थी.
दोनों स्कूल छोड़ कर कॉलेज में पहुंच चुके थे. धीरे-धीरे परिपक्वहो रहे इस रिश्ते ने शादी करने का फैसला भी कर लिया था, लेकिन गांव की बात होने के कारण बाधा-ही-बाधा नजर आ रही थी.
फिलहाल दिनेश जब भी गांव आता, तो खुशबू से मिलता. धीरे-धीरे खुशबू के घरवालों को सबकुछ पता चल गया. उन्होंने लगाम कसनी शुरू की. बाद में घरवालों ने तय किया कि क्यों ने खुशबू की शादी कर दी जाये. दिनेश के भाई विनोद के मुताबिक खुशबू की शादी तय हो गयी थी. खुशबू से बात के बाद दिनेश के सामने तसवीर साफ हो गयी थी. खुशबू ने तो अपने आप को समझा लिया, पर दिनेश को इस दूरी की बात हलक से नीचे नहीं उतर रही थी.
उसने बड़ी कोशिश की, पर सफलता नहीं मिली. दिनेश अब खुशबू का रास्ता रोकने लगा. आंख दिखाना और धमकी देने की हरकत ने खुशबू को उससे और दूर कर दिया. खुशबू का दूर जाना, दिनेश बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. अब तो इतनी बेरूखी बढ़ गयी थी कि खुशबू सामने पड़ने पर देखती भी नहीं थी. खुशबू हालात के साथ समझौता कर चुकी थी. 20 दिनों में उसकी शादी होनेवाली थी, इसलिए वह इस पचड़े से निकलना चाह रही थी, लेकिन दिनेश वहीं खड़ा था, जहां से चला था. वह प्यार, वह यादें उसका जीना हराम कर रही थीं. जैसे-जैसे शादी का दिन करीब आ रहा था, दिनेश पर एक-एक पल भारी पड़
रहा था.
अब दिनेश को लगा कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है, जिस पर इतना विश्वास था, वह भी पल्ला झाड़ चुकी है. इससे उसके मन में बदले की भावना ने जन्म लिया. प्यार में धाेखा देने का बदला, साथ रहने की बात कह कर यूं मुकर जाने की बात का बदला. बेवफाई और रुसवाई ने उसके मन में क्रोध भर दिया.
उसने भी दिल पर पत्थर रख लिया, सोचा कि क्यों ने इस खेल को खत्म कर दिया जाए. एक युवा मन, प्यार में धोखा खाया शख्स औ गवईं माहौल. हर तरफ सवाल और दिनेश के पास काेई जवाब नहीं. इन परिस्थितियों ने उसे वह करने को तैयार कर दिया, जो न तो किसी ने सोचा था और न ही दिनेश ने यह पहले सोचा होगा.
31 जनवरी की रात है. दिनेश एक बार फिर टूटे हुए प्यार की चिंता लेकर चारपाई पर लेटा है. मन में बहुत कुछ चल रहा है, साथ छूटने का गम तो है, पर खुशबू के दो टूक जवाब अभी भी उसके शरीर में आग की चिनगारी पैदा कर रही है. वह गुस्से से भरा हुआ है.
पूरी रात वह खुली आंखों से खुशबू काे मिटा देने का ख्वाब देखता रहा. रात की कालिमा कट गयी. भोर हुआ, धीरे-धीरे कोहरा छंट रहा था. उजाला हो चुका है. आज एक फरवरी है और सोमवार का दिन है. दिनेश को पता है कि खुशबू आज सुबह छह बजे गांव के मध्य विद्यालय में कोचिंग करने जायेगी. वह झट से बिस्तर से उठा और घर में रखा चाकू कमर मेें छुपा लिया. तेज बढ़ते कदमों के साथ वह स्कूल के पास एक झोंपड़ी में छुप गया.
सुबह की बेला है, गांव के लोग बिस्तर छोड़ गये हैं, सब अपने काम में लगे हैं. इसी बीच खुशबू दूर से आती दिखी. दिनेश ने पेड़ की ओट में उसका चेहरा देख लिया था. अब वह तैयार हो गया. हमेशा-हमेशा के लिए उस प्यार का गला घोटने को, जब अब उससे दूर हो रहा था, उसके जज्बात उस पर हावी हो गये थे. खुशबू के प्रति दिल में पैदा हुई क्रोध ने उसे पीछे नहीं हटने दिया. अब खुशबू उससे चंद कदमों की दूरी पर है, दिनेश की अपराधी हो चुकी आंखें खुशबू को अपनी ओर आते कदमों को घूर रही थीं. दूरियां और इंतजार दोनाें खत्म हुए, खुशबू जैसे ही झोंपड़ी के पास पहुंची, दिनेश तेज कदमों के साथ आगे आकर खड़ा हो गया.
उसने खुशबू के गर्दन को अपने हाथों से कस लिया और पेट में ताबड़तोड़ चाकू से वार किया. चाकू के पांच वार ने उसके पेट काे जगह-जगह से चीर दिया. खून कपड़े से होकर जमीन पर पसर रहा था और खुशबू जान बचाने की अंतिम कोशिश कर रही है. इसके बाद दिनेश ने उसके हाथ और चेहरे को भी चाकू से चीर दिया. इस खूनी खेल को देख कर गांव के लोग दौड़ पड़े. लेकिन, तब तक खुशबू दम तोड़ चुकी थी. पूरे गांव में हल्ला मच गया.पूरी भीड़ इकठ्ठी हो गयी. लोगों ने दिनेश को घेर लिया.
फिर क्या था, खुशबू की इस निर्मम हत्या के बदले में दिनेश पर लात-घूसों का वार शुरू हो गया. वह अधमरा हो गया. इस बीच किसी ने कन्हौली थाने की पुलिस को खबर कर दी. पुलिस पहुंची और दिनेश को घायल हालत में मेजरगंज पीएचसी ले गयी. वहां से उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया. रास्ते में ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गयी. इस प्रेम कहानी के दोनों पात्र खत्म हो गये.
(इनपुट : सीतामढ़ी कार्यालय से अमिताभ)
मृत छात्रा की मां शैल देवी ने आरोप लगाया है कि दिनेश ने खुशबू की चाकू मार कर हत्या कर दी है. इसके अलावा शैला का कहना है कि खुद उसी के गोतिया कृष्णदेव ठाकुर और उसकी पत्नी सोनम का भी हाथ हो सकता है. पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और अनुसंधान जारी है.
दिनेश और खुशबू गंवई परिवेश में रहनेवाले थे और दोनों गरीब परिवार से हैं. दिनेश के पिता राजेंद्र राम रांची में छोटा-मोटा काम करते हैं. वहीं खुशबू के पिता राम अधीन ठाकुर दिल्ली में फेरी लगाने का काम करते हैं. खुशबू का एक छोटा भाई है, जबकि दिनेश का एक बड़ा भाई विनोद है.

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