पटना : लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष तथा सांसद चिराग पासवान ने बिहार में लगातार कानून व्यवस्था की स्थिति में गिरावट आने का आरोप लगाते हुए इस प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग की है. लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के साथ आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा कि बिहार में जब महागठबंधन :जदयू-राजद-कांग्रेस: की सरकार सत्ता में आयी थी तो हमलोगों ने निर्णय लिया था कि इस सरकार को खुलकर काम करने का मौका देंगे और इनकी नीतियों को देखेंगे कि किस प्रकार से उसे लागू करते हैं तथा बिहार को किस सोच के साथ विकास की राह पर आगे लेकर जाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि अफसोस के साथ कहना पडता है कि न चाहते हुए उनकी पार्टी को इस सरकार के सत्ता में आने के ढाई महीने के बाद ही गिरती हुई विधि व्यवस्था को लेकर टिप्पणी करने और आंदोलन छेडने पर विवश होना पडा है. उन्होंने कहा कि पिछले ढाई महीने में बिहार में जिस प्रकार से कानून व्यवस्था की स्थिति में लगातार गिरावट आयी है वह हमारे लिए चिंता का विषय बन गया है. चिराग ने कहा कि अन्य प्रदेशों में जाने पर वहां के लोग हमसे कहते हैं कि आपके प्रदेश में जाना मुश्किल है, वहां जाने से भी डर लगता है. उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेश में जाने पर ऐसी बातें सुनने पर एक बिहारी होने के नाते उन्हें शर्म आती है.
चिराग ने कहा कि इसलिए उनकी पार्टी इस बात की मांग करती है कि बिहार में कानून नाम की अब कोई चीज नहीं रह जाने की स्थिति में यहां राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है इसलिए राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दस साल से इस प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और हम यह मानते हैं अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपराधियों पर लगाम लगाने के साथ विकास से जुडे कार्य किए पर आज क्या वजह है कि राजद के साथ गठबंधन करने के बाद वे चाहकर भी अपराध पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं. चिराग ने कहा कि बिहार में लगातार घट रही घटनाओं के विरोध में उनकी पार्टी आगामी 11 फरवरी को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना देगी.