शराब तस्करी रोकने के लिए हाइटेक होगी रेलवे पुलिस

पुख्ता तैयारी. खरीदे जायेंगे 2.10 करोड़ के उपकरण मद्य निषेघ विभाग के साथ हो चुकी है बैठक एक करोड़ 31 लाख रुपये प्रतिवर्ष होंगे खर्च पटना : प्रदेश में देशी शराब पर पूर्ण बंदी एक अप्रैल से लागू होनी है. रेलवे पुलिस अभी से ही शराब की तस्करी को रोकने के लिए हाइटेक व्यवस्था करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2016 7:59 AM
पुख्ता तैयारी. खरीदे जायेंगे 2.10 करोड़ के उपकरण
मद्य निषेघ विभाग के साथ हो चुकी है बैठक
एक करोड़ 31 लाख रुपये प्रतिवर्ष होंगे खर्च
पटना : प्रदेश में देशी शराब पर पूर्ण बंदी एक अप्रैल से लागू होनी है. रेलवे पुलिस अभी से ही शराब की तस्करी को रोकने के लिए हाइटेक व्यवस्था करने में जुट गयी है. बिहार के चार रेल जिले पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार और जमालपुर की जीआरपी पुलिस आपसी समन्वय से शराब तस्करों के मंसूबों पर पानी फेरने की तैयारी कर रही है.
इसके लिए दो करोड़, 10 लाख रुपये के उपकरण खरीदे जायेंगे. इनमें लैंड लाइन फोन, मोबाइल फोन, मोबाइल सिम, कंप्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस, जेनरेटर, ड्रगन लाइट, ऑर्च,बैटरी, स्टिल कैमरा, बाइक, जीप व सीसीटीवी कैमरा आदि शामिल हैं. इन उपकरणों की मदद से जीआरपी की टीम को सशक्त बनाया जायेगा. तस्करी रोकने की इस हाइटेक व्यवस्था पर सालाना एक करोड़, 31 लाख रुपये का खर्च आयेगा.
बनी रेलवे समन्वय समिति
शराब की तस्करी को रोकने के लिए रेल आइजी अमित कुमार की अध्यक्षता में रेलवे समन्वय समिति का गठन किया गया है. इसमें, रेल डीआइजी आरएस चौहान, पटना जिला रेल के एसपी पीएन मिश्रा, इस्ट सेंट्रल रेलवे के सीसीएम एसके लाल शामिल किये गये हैं. समिति ने इस मुद्दे पर मद्य निषेद्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की है.
बैठक में शराब तस्करी को रोकने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होगी और उसमें कितना खर्च आयेगा, इस पर विचार किया गया. बताया जाता है कि मद्य निषेद्य विभाग ने समिति के प्रस्ताव को मान लिया है. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि हर हाल में राज्य में शराब की तस्करी पर रोक लगाना है.
नेपाल सीमा पर स्थित रेल खंडों पर विशेष नजर
बिहार-नेपाल सीमा पर स्थित चार रेल खंडों रक्सौल-बेतिया, रक्सौल-नरकटियागंज-सीतामढ़ी, जयनगर-मधुबनी व जोगबनी-अररिया पर पुलिस की विशेष नजर है. रेल पुलिस यह संभावना जता रही है कि सूबे में शराबबंदी के बाद नेपाल से रेल माध्यम से अवैध रूप से शराब को लाया जा सकता है. राज्य से होकर प्रतिदिन छह सौ ट्रेनें गुजरती हैं.
रेल एसपी बनेंगे नोडल पदाधिकारी
सभी रेल एसपी को अपने-अपने रेल जिला में इस अभियान का नोडल पदाधिकारी बनाया जायेगा. उस क्षेत्र के रेलवे मंडल सुरक्षा आयुक्त को सदस्य बनाना है. उत्पाद अधीक्षक व रेल प्रशासन के एक-एक सदस्य को भी इस समिति में रखा जायेगा.

Next Article

Exit mobile version