पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज विरोधियों पर जमकर बरसे. उन्होंने विपक्ष द्वारा बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग के सवाल पर तंज कसते हुए कहा कि लगवा दें राष्ट्रपति शासन, हम तो मुक्त ही हो जायेंगे. नीतीश कुमार ने बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था के सवाल पर कहा कि सूबे का माहौल ठीक है. कुछ लोगों कादिमागीमाहौल खराब हो गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध के आंकड़े कहां बढ़ रहे हैं. दूसरे प्रदेशों में तो आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. अपराध के मामले में बिहार का स्थान देश में 22 वां है.
आइडिया केंद्र का, पैसा राज्य का चल रहा फैशन
जनता दरबार के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेस में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल फैशन हो गया है कि आइडिया केंद्र का और पैसा राज्य सरकार का. केंद्र सरकार कहती है कि राज्यों का पैसा बढ़ रहा है जबकि योजनाओं में केंद्र का अंश घटाया जा रहा है. राज्य सरकारों को परेशानी हो रही है.
जेएनयू पर बोले नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर लगाये गये देशद्रोह के आरोप का विरोध किया और केंद्र सरकार पर देश को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार का जो रवैया है, उससे देश की जनता 2019 में उन्हें केंद्र से बाहर का रास्ता दिखा देगी. ढाई साल का समय बचा है, केंद्र हालत सुधार ले, देशद्रोह का मुकदमा भी मददहार नहीं होगा. इसलिए देश का ध्यान बांटने के लिए राष्ट्रभक्ति की अपनी परिभाषा थोपना चाहते हैं. केंद्र बिना आपातकाल के ही आपातकाल थोपना चाहती है. यह स्वीकार्य नहीं है. जेएनयू पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि यू ट्यूब पर जो फूटेज है, उसमें तो साफ है कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं उन्हीं के जमात के लोग नारा लगा रहे थे. कन्हैया जैसे युवा अपने विचारों के प्रति दृढ़ व लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हैं. वैसे युवा को देशद्रोही कहना टू मच है.
आरएसएस पर हमला
सारे विश्वविद्यालय को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं. यह कैसे स्वीकार्य होगा? उनकी विचारधारा को जो मानता है वह देशभक्त और जो नहीं मानता है वह देशद्रोही? ऐसा नहीं होगा. यह फासीवाद है और लोकतंत्र के खिलाफ है. जबदस्ती सत्ता के बल पर विचारधारा थोपेंगे, यह नहीं होगा. काम के बल पर विचारधारा दें तो यह सही है. वैचारिक स्वतंत्रता को खत्म करना लोकतंत्र का गला घोंटने की साजिश है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कन्हैया कुमार पर लगाये गये देशद्रोह के आरोप के सबूत केंद्र सरकार पेश करे. सीपीआइ-सीपीएम ने भी इसकी मांग की है. जो प्रमाण है, जिस पर मुकदमा किया है उसे तो देश के साथ साझा कीजिए. यह रुटिन अपराध नहीं कि सबूत अदालत में पेश करेंगे. किसी की देशभक्ति पर प्रश्नचिह्न लगा है.
राममाधव पर क्या की कार्रवाई ?
मुख्यमंत्री ने कहा कि अफजल गुरु के पक्ष में जम्मू विधानसभा में कई बार प्रस्ताव लाने वाले निर्दलीय विधायक से भाजपा नेता राम माधव मिले थे. उन पर क्या कार्रवाई की गयी? दोहरा मापदंड नहीं चलेगा. एक पर देशद्रोह का मुकदमा करते हैं अौर राममाधन मिले तो उन पर क्या किया गया? गोडसे को महिमा मंडित किया जाता है. भाजपा के लोग उसमें शामिल होते हैं, उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है? सीएम ने कहा कि भाजपा यह ही साफ कर दे कि राम माधव जम्मू के उस विधायक से मिले थे या नहीं?