कचरों से पटे शहर की शुरू हो गयी सफाई
पटना : निगमकर्मियों की छह दिनों तक चली हड़ताल के कारण कचरों से पटे शहर की सफाई सोमवार को शुरू हुई. ज्यादातर सड़कों पर सुबह से ही कचरा हटाने का काम शुरू हो गया. ट्रैक्टरों और ट्रॉली द्वारा कचरा उठाये गये. हड़ताल पर रहे कुल 1200 स्थायी कर्मचारी के साथ 1800 दैनिक मजदूर भी काम […]
पटना : निगमकर्मियों की छह दिनों तक चली हड़ताल के कारण कचरों से पटे शहर की सफाई सोमवार को शुरू हुई. ज्यादातर सड़कों पर सुबह से ही कचरा हटाने का काम शुरू हो गया. ट्रैक्टरों और ट्रॉली द्वारा कचरा उठाये गये. हड़ताल पर रहे कुल 1200 स्थायी कर्मचारी के साथ 1800 दैनिक मजदूर भी काम पर लौट गये. सभी अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारियों ने बताया कि कामगारों ने सुबह से ही ड्यूटी ज्वाइन कर ली.
सख्ती का असर
प्रशासन की सख्ती ने हड़ताल
खत्म करने में काफी भूमिका निभाई. नगर विकास विभाग, नगर निगम और जिला प्रशासन ने मजदूर संगठन की सभी मांगों को मानने से इंकार कर दिया था. प्रमंडलीय आयुक्त, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव और नगर आयुक्त ने बयान जारी कर कहा था कि जो भी जायज मांग थी वह मानी जा चुकी हैं.
दैनिक मजदूरी 400 रुपये करने के साथ ही आजीवन पारिवारिक पेंशन नहीं दी जा सकती है. मजदूरी बढ़ाने का मसला तो वित्तीय क्षमता पर निर्भर है, लेकिन पेंशन तो सरकार तय करेगी. इसमें निगम सक्षम नहीं है. सभी हड़तालियों को चौबीस घंटे के अंदर काम से हटाने का नोटिस जारी किया गया, जिसके बाद हड़तालियों का रुख नरम हुआ.