बांका व शिवहर में नहीं होंगी शराब की दुकानें

सिर्फ नगर निगम और नगर पर्षद क्षेत्र में निर्धारित संख्या में खुलेंगी विदेशी शराब की दुकानें पटना : राज्य में एक अप्रैल से लागू होने जा रही चरणबद्ध तरीके लागू होने जा रही शराबबंदी के बाद सूबे में शराब दुकानों की संख्या महज 656 रह जायेंगी. इस पाबंदी के बाद सिर्फ नगर निगम और नगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2016 12:29 AM

सिर्फ नगर निगम और नगर पर्षद क्षेत्र में निर्धारित संख्या में खुलेंगी विदेशी शराब की दुकानें

पटना : राज्य में एक अप्रैल से लागू होने जा रही चरणबद्ध तरीके लागू होने जा रही शराबबंदी के बाद सूबे में शराब दुकानों की संख्या महज 656 रह जायेंगी. इस पाबंदी के बाद सिर्फ नगर निगम और नगर पर्षद क्षेत्र में ही विदेशी शराब दुकानेंमौजूद रह जायेंगी. वर्तमान में पूरे राज्य में देशी, विदेशी और कंपोजिट शराब दुकानों की संख्या 5467 हैं. इसमें महज लगभग 13प्रतिशत दुकानें ही रह जायेंगी. अन्य सभी तरह की शराब दुकानें पूरी तरह से बंद हो जायेंगी.

राज्य के दो जिले शिवहर औरबांका में किसी तरह की शराब दुकानें नहीं रहेंगी. इसकी मुख्य वजह ये दोनों जिले न नगरनिगम क्षेत्र में आते हैं और न ही नगर पर्षद क्षेत्र में. इस कारण इन दोनों जिलों में विदेशी शराब दुकानों को खोलने की योजना फिलहाल सरकार के पास नहीं है. शराबबंदी को पूरी सख्ती से लागू करने के लिए उत्पादन एवं मद्य निषेध विभाग ने सभी स्तर पर व्यापक तैयारी कर ली है. उत्पाद विभाग अब शराब निषेध पर ज्यादा फोकस करेगा.

पर्यटन क्षेत्र में दुकान खोलने पर सहमति नहीं : नालंदा, बोधगया, राजगीर और वैशाली पर्यटन क्षेत्र होने के कारण इनमें विदेशी शराब दुकानें खोलने की मांग चल रही हैं. परंतु इस तरह के प्रस्ताव पर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई सहमति नहीं बनी है.

स्कॉच-व्हिस्की के साथ मिलेगी वाइन भी : राज्य में जिन 656 विदेशी शराब दुकानें को नगर निगम और नगर पर्षद क्षेत्र में बिहार राज्य वेबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसबीसीएल) चलायेगी, उनमें स्कॉच, व्हिस्की, रम के अलावा वाइन, टकिला, ब्रिजर जैसी अन्य किस्मों की कम एल्कोहल वाली शराबें भी मिलेंगी. इस तरह के ब्रांडों में एल्कोहल का प्रतिशत सामान्य शराब की तुलना में कम होता है.

मैथिली, भोजपुरी, मगही, बज्जिका व अंगिका भाषा में चलेगा अभियान

पटना : राज्य में क्षेत्रों और वहां की भाषा के अनुसार शराब बंद करने को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जायेगा. कला जत्था की टीम भोजपुरी, मगही, वज्जिका, मैथिली व अंगिका समेत अन्य भाषा में गीतों का मंचन करेगी और नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को शराब नहीं पीने व शराब से होने वाले नुकसान की जानकारी देगी.

राज्य भर में 24 फरवरी से 124 कला जत्था की टीम हर पंचायतों में इसके लिए जागरूकता अभियान चलायेगी. राज्य के 8,439 पंचायतों में हर दिन तीन जगहों पर कला जत्था के कार्यक्रम होंगे और 25 हजार गांवों में कला जत्था की टीम के कार्यक्रम का लक्ष्य रखा गया है. गांव-गांव, घर-घर तक मद्य निषेध को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील को भी पहुंचाया जायेगा. शिक्षा विभाग का जन शिक्षा निदेशालय इसके लिए सीएम के अपील की सॉफ्ट कॉपी तैयार कर रहा है और उसे जन-जन तक पहुंचाया जायेगा.

इधर, मद्य निषेध अभियान के तहत चल रहे वॉल राइटिंग में सरकारी भवनों की दीवारों पर नारा लिखने का काम चल रहा है. आठ फरवरी से शुरू हुए इस अभियान में 46 हजार लोग लगे हैं और अबतक 2.28 लाख नारे लिखे जा चुके हैं. 20 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान में 4.60 लाख नारे लिखे जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा स्कूली बच्चों को शपत पत्र दे दिया गया है और बच्चे अपने अभिभावकों से शराब नहीं पीने का शपथ पत्र भरवा रहे हैं. 25 फरवरी तक शपथ पत्र भरे जायेंगे. एक अप्रैल से होनेवाली शराबबंदी के लिए मैसिव अभियान के जरिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

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