अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ संपत्ति जब्ती पर भी करें फोकस

पटना : अपराधियों को गिरफ्तार करने के साथ उनकी संपत्ति जब्त करने पर भी फोकस करें सभी पुलिस पदाधिकारी. बिहार पुलिस सप्ताह के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद दूसरे सत्र के दौरान ये बातें आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के आइजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कही. सभी जिलों के एसपी और डीएसपी का क्षमता संवर्द्धन करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2016 7:21 AM
पटना : अपराधियों को गिरफ्तार करने के साथ उनकी संपत्ति जब्त करने पर भी फोकस करें सभी पुलिस पदाधिकारी. बिहार पुलिस सप्ताह के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद दूसरे सत्र के दौरान ये बातें आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के आइजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कही. सभी जिलों के एसपी और डीएसपी का क्षमता संवर्द्धन करते हुए उन्होंने कहा कि अपराधियों को सिर्फ गिरफ्तार करने से काम नहीं चलेगा.
जब तक उनकी संपत्ति जब्त नहीं की जायेगी, तब तक उन्हें पूरी तरह से कमजोर नहीं किया जा सकता है. उन्होंने सभी एसपी और डीएसपी को अनुमंडलवार अपराधियों की पूरी हिस्ट्री के साथ सूची तैयार करने को कहा है. टीम भेजकर अपराधियों का पूरा डिटेल निकाले. इसके आधार पर इओयू की मदद से संबंधित अपराधियों पर कार्रवाई की जायेगी. अपराध पर नकेल कसने को ‘व्यक्ति से संपत्ति तक’ की मुहिम चलाने की जरूरत है.
आइजी ने सभी जिलों में एसपी और डीएसपी से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में काम करने वाली चिट फंड कंपनियों का सर्वे करें. संबंधित नन-बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी (एनबीएफसी) के बारे में मार्केट इंटेलिजेंस जमा करें, ताकि संबंधित कंपनी की सच्चाई उजागर हो सके. ‘बिहार जमाकर्ताओं के हित का संरक्षण’ एक्ट में सभी डीएसपी को यह अधिकार दिया गया कि किसी चिट फंड कंपनी के सभी दस्तावेज लेकर जांच कर सकते हैं.
इन पर एक लाख तक का जुर्माना कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि फर्जी एनबीएफएसी के खिलाफ पूरे राज्य में अभी भी 91 मामले लंबित हैं. इसमें सबसे ज्यादा 13 मामले पटना और 10 मामले कटिहार में हैं. पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में भी मामलों की संख्या ज्यादा है. इनका निबटारा जल्द करने को कहा.
नकली नोट मामले में स्पीडी ट्रायल
राज्य में नकली नोट में पकड़े जानेवाले तस्करों या धंधेबाजों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल करने का प्रावधान बन गया है. इसके तहत आइजी ने सख्त कार्रवाई करने को कहा. अगर किसी मामले में हाइक्वालिटी का जाली नोट बरामद होता है, तो इसे आतंकी अपराध की श्रेणी में लाकर कार्रवाई करें. पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुंगेर, पटना जिलों में जाली नोट के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं.
यहां विशेष चौकसी की जरूरत है. राज्य में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. सूबे में 11 करोड़ की आबादी के पास 5.50 करोड़ लोगों के पास मोबाइल है. इसमें एटीएम फ्रॉर्ड के मामले सबसे ज्यादा आते हैं. इसके बाद फेसबुक या सोशल मीडिया पर ब्लैकमेलिंग करने समेत अन्य अपराधों होते हैं.
इन पर नजर रखने और इस तकनीक को समझने के लिए पुलिस पदाधिकारियों को उचित ट्रेनिंग दी जा रही है. पदाधिकारी भी अपने स्तर से इसके प्रति सजग हो.
जांच के दौरान भी जब्त कर सकते हैं संपत्ति
आइजी ने कहा कि आर्थिक अपराध रोकने के नियम वहीं हैं, जो सामान्य अपराध रोकने के हैं. इसमें कुछ अतिरिक्त प्रावधान भी हैं. बिहार स्पेशल कोर्ट एक्ट में यह अधिकार दिया गया है कि जांच के दौरान भी किसी अपराधी की संपत्ति जब्त की जा सकती है. अभी होता यह है कि अपराधी गिरफ्तार होकर जेल चले जाते हैं और फिर गलत तरीके से जमा किये गये पैसे का उपयोग करके वे छूट जाते हैं. ऐसी स्थिति में अवैध तरीके से कमाई गयी उनकी संपत्ति जब्त करना बेहद जरूरी है.

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