पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अब सिटी को स्मार्ट बनाने जा रही है. बहुत लोग बात के स्मार्ट होते हैं और कुछ काम के स्मार्ट होते हैं. उन्होंने कहा कि हम तो बात के स्मार्ट नहीं हैं, काम ऐसा करते हैं कि लोग कहते हैं कि स्मार्ट हैं.
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में नगर विकास व आवास विभाग की कई योजनाओं के शुभारंभ और बसों को हरी झंडी दिखाने के बादयहबातें कहीं.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले स्मार्ट सिटी के लिए 100 शहरों का चयन किया था. इसमें पटना समेत कई राज्यों की राजधानी को जगह ही नहीं दी गयी.
बिहार से मुजफ्फरपुर, भागलपुर व बिहारशरीफ को शामिल किया गया. कहा गया कि स्मार्ट सिटी बनाने में पांच सालों में 500 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. यानि साल में 100 करोड़ मिलेगा, पता नहीं इसमें कितना स्मार्टनेस आयेगा. सीएमनीतीश ने कहा कि अब जब पैसा नहीं है तो स्मार्ट सिटी के लिए 100 शहरों में से 20 शहरों का लिस्ट जारी किया है. इसमें बिहार का कोई शहर नहीं है.
इससे पहले सीएम नीतीश ने प्रदेश में स्मार्ट सिटी बनाने से पलटने का केंद्रसरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मोदी सरकार इस मामले में बिहार विधानसभा चुनाव पूर्व लिए गये अपने निर्णय से पलट गयी है. स्मार्ट सिटी के लिये केंद्र सरकार ने बिहार सरकार से प्रस्ताव मांगा था और सरकार की ओर से बाकायदा केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रस्ताव भेजा गया था. केंद्र सरकार ने पहले पूरे देश के लिए स्मार्टसिटी बनाने की बात कही थी. हालांकि मात्र 20 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने शहरों की संख्या सीमित कर ली और बिहार के किसी शहर को उन्होंने स्मार्ट सिटी के रूप में नहीं लिया.