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जीएसटी पर सभी दल एक हो : राव
पटना : वित्त विशेषज्ञ प्रोफेसर एम गोविंद राव ने कहा है कि जीएसटी पर सभी दलों को एक होना होगा. लोग सोचते हैं कि यह गेम चेंजर साबित होगा लेकिन एेसा नहीं है. प्रो राव बुधवार को आद्री परिसर में वस्तु एवं सेवाकर : कार्यान्वयन रणनीति तथा बिहार का निहितार्थ विषय पर आयोजित व्याख्यान में […]
पटना : वित्त विशेषज्ञ प्रोफेसर एम गोविंद राव ने कहा है कि जीएसटी पर सभी दलों को एक होना होगा. लोग सोचते हैं कि यह गेम चेंजर साबित होगा लेकिन एेसा नहीं है. प्रो राव बुधवार को आद्री परिसर में वस्तु एवं सेवाकर : कार्यान्वयन रणनीति तथा बिहार का निहितार्थ विषय पर आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे. प्रोफेसर राव चौदहवें वित्त आयोग के सदस्य भी रहे हैं.
आद्री के सदस्य सचिव डाॅ शैबाल गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया तथा वाणिज्य कर आयुक्त सुजाता चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. प्रोफेसर राव ने कहा कि जीएसटी में सुधार का कार्यक्रम केंद्र एवं राज्य सरकार में लंबे समय से लंबित है. कर प्रणाली को कुशल एवं क्षमतावान बनाने तथा क्षमता प्राप्ति के लिए यह सुधार आवश्यक है. इसका लाभ मुख्य रूप से इस पर निर्भर करेगा कि कर संरचना कैसे विकसित होता है.
विपक्षी दल ने विधेयक में तीन प्रमुख बदलाव की मांग की है, पहला है अंतरराज्यीय विक्रय का एक प्रतिशत कर को समाप्त किया जाये. दूसरा है कि कर दर की एक सीमा निर्धरित होनी चाहिए तथा तीसरा, विवादों का निबटारे का प्रावधान भी संशोधान बिल में ही निर्दिष्ट होना चाहिए. दर की संरचना को पहले से ही अनुमान लगा लेना तथा उसे संशोधन विधेयक में दर्ज करना संभव नहीं है, क्योंकि दर में बदलाव समय के साथ स्वाभाविक है.
उसी प्रकार विवादों के निबटारा हेतु तंत्र का विकास वस्तु एवं सेवाकर परिषद पर छोड़ देना चाहिए. उम्मीद है कि इस बजट सत्र में सभी दल इसको समझेंगे तथा राज्य सभा में पास होगा. यह होता है तो वस्तु एवं सेवाकर के परिषद को बहुत महत्वपूर्ण कार्य करना होगा. आशा है कि इस सुधार के प्रणालीगत कार्ययोजना अप्रैल, 2017 तक होगा.
राजस्व उदासीन के बारे में प्रोफेसर राव ने कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकर समिति की रिपोर्ट बहुत सही नहीं है. राजस्व उदासीन दर के अनुमान के बगैर भी अधिकितम 18 प्रतिशत दर तय कर आगे बढ़ना चाहिए. इस सुधार प्रक्रिया से बिहार जैसे राज्य को फायदा होगा.
लेकिन सफल बनाने के लिए और राजस्व में अधिक प्राप्ति के लिए और अधिक काम करना होगा. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकार इतना कर नहीं लगायेगी कि वह अलोकप्रिय हो जाए. कर का दर तय नहीं होना चाहिए. श्रीमती चतुर्वेदी ने कहा कि अधिकारियों को इस सूचना के युग में तकनीकी प्रेम होने का प्रयास करना चाहिए. अवसर पर उर्जा व वाणिज्य कर मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, रामेश्वर सिंह, श्री अरुण मिश्रा, सत्यजीत सिंह, संजय गोयनका तथा डाॅ सुनीता लाल भी मौजूद थीं. आद्री के निदेशक प्रोफेसर प्रभात पी घोष ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
सुधार की बुनियाद सही हो
29 राज्यों, 2 केंद्र प्रदेशाें तथा केंद्र सरकार के बीच बातचीत व समझौते में भागीदारी से समस्याओं का समाधान करना होगा. जरूरी अपरिहार्य व दोष रहित वस्तु व सेवाकर कठिन नहीं हो सकता है, महत्वपूर्ण यह है कि सुधार की बुनियाद सही हो. उन्होंने कहा कि सुधार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है संवैधनिक संशोधन तथा उस पर एक मत होना.
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