पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा सहित राजग के अन्य घटक दलों पर प्रदेश में अपराध को लेकर पेश किए जा रहे आंकड़े को गलत ठहराते और उसके ‘जंगलराज’ की वापसी के दावे को आज खारिज करते हुए उसपर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि वे किसी के दबाव में काम नहीं करते, राज्य में कानून का राज है और आगे भी रहेगा.
बिहार विधानमंडल के संयुक्त अधिवेशन में राज्यपाल राम नाथ कोविंद के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए नीतीश ने विपक्ष की अनुपस्थिति में उनपर प्रहार करते कहा कि आश्चर्यचकित करता है कि ये आंकड़े कहां से पेश करते हैं.अपराध के संबंधमें जो आंकड़े प्रकाशित होते हैं वह सर्वविदित है. एक तो राज्य और उसका पुलिस महकमा प्रकाशित करता और जो आंकड़े इकठ्ठा होते हैं उसे केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के पास भेजा जाता है और उसके अधीन राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो हर साल पूरे देश और अलग-अलग राज्यों के आंकड़ों को प्रकाशित करता है तथा उसका विश्लेषण करता है. राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो ने 2014 के अपराध का आंकड़ा प्रकाशित किया है.
उन्होंने कहा कि पिछले साल संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के अन्य नेताओं की बात तो छोड़ दीजिए देश के प्रधानमंत्री जी भी कई दफा यहां अपराध की बात कह दिया करते थे पर हमने एक-एक बात का जवाब दिया था और जो भी अपराध के संबंध में आंकड़े रखे वह राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़े थे.
नीतीश ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि विपक्ष के द्वारा कल तरह-तरह की बातें कही गयीं और बताया गया था देश भर प्रतिदिन बलात्कार की औसत घटनाएं 9 होती हैं जिसमें अकेले बिहार में 6 घटित होती हैं. पूरे भारत में प्रतिदिन हत्या का औसत 27 है और बिहार में इसका औसत 12 है. पता नहीं कहां से वे ये आंकड़े लाते हैं और सदन के भीतर अगर कोई आंकड़ा रखिए तो आपके पास उसका प्रमाण होना चाहिए नहीं तो आंकड़ों को रखने में परहेज करिए.
नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2014 में राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार हत्या के मामले में अपराध दर के आधार पर बिहार में 3.3 कांड प्रति लाख जनसंख्या की अपेक्षा छत्तीसगढ 3.9, हरियाणा में 4.1, झारखंड में 5.3 कांड प्रति लाख है. अपराध दर के आधार पर हत्या में बिहार का 12वां स्थान है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास जो आंकड़े हैं उनके अनुसार वर्ष 2012 में हत्या की 3566 घटनाएं, 2013 में 3441, 2014 में 3403 और 2015 में 3178 घटनाएं घटीं. इससे पता चलता है हत्या के वारदातों में कमी आयी है. ऐसे में कल विरोधी दल के नेता द्वारा रखे गये आंकड़ों का सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है और न ही उसका कोई आधार है. लेकिन उन्हें बोलना है और कुछ भी बोलना है लगातार बोलते रहना है.
नीतीश ने कहा कि सामान्य अपहरण की घटनाएं ज्यादा प्रतिवेदित होती हैं क्योंकि कोई घर से लापता भी हो जाएगा और 24 घंटे के भीतर नहीं लौटता है और पुलिस को रिपोर्ट होता है तो उस मामले को अपहरण की धारा के तहत दर्ज करना पड़ता है.
मुख्यमंत्रीने कहा कि देश और दुनिया के हर हिस्से में अपराध होता है, जो नहीं होना चाहिए. सबका लक्ष्य है कि अंतोत्वगत्वा अपराध मुक्त समाज स्थापित हो, लेकिन यह लक्ष्य और आदर्श है. लेकिन वास्तव में घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न है जो आपराधिक घटनाएं घट रही हैं उनपर कार्रवाई होती या नहीं.
नीतीश ने कहा कि आपराधिक घटनाएं नहीं घटेंगी इसका कोई भी दावा करता है तो उसका दावा बेबुनियाद है. उन्होंने विपक्ष पर मीडिया में स्थान पाने के लिए बिहार में प्रत्येक दिन घटित घटनाओं को इकठ्ठा करके शाम में एक बयान जारी कर देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें उसी आधार पर बिहार की तरह भाजपा और राजग शासित छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र में प्रत्येक दिन घटित आपराधिक घटनाओं को प्रकाशित कर उसकी तुलना करने को कहा.
नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली की विधि व्यवस्था और अपराध पर नियंत्रण का काम केंद्र सरकार का है और अपराध के हर क्षेत्र में दिल्ली देश में अव्वल है. लोगों को उपदेश देते हैं. लेकिन भाजपा शासित राज्यों की तुलना में बिहार में स्थिति हर पैमाने पर बहुत बेहतर है.
उन्होंने कहा कि बिहार में सभी प्रकार के अपराधों पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है लेकिन विपक्ष अपराध के मामले में एक अवधारणा बनाने की कोशिश में लगा है. नीतीश ने कहा कि वह प्रदेश की जनता को आश्वस्त करते हैं आपराधिक घटनाओं के मामले में अनुसंधान में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी और अगर ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ समुचित कार्रवाई होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी प्रदेश में घटित एक-एक घटना पर नजर है और किसी भी मामले में कोई भेदभाव नहीं बरता जाता, लेकिन विपक्ष भेदभाव का आरोप लगाता है. किस अपराधी को बचाया जा रहा है. अगर एक विधायक (राजद विधायक राज बल्लभ यादव) का नाम बलात्कार के मामले में आया है तो पुलिस ने कई स्थानों पर छापा मारा है. टीम गठित कर कार्रवाई हो रही है. और कोई कबतक और कहां भागकर जाएगा. कानून के कटघरे में खड़ा होना पड़ेगा और हम आश्वस्त करते हैं कि कानून में कटघरे में खड़ा करके अदालत से स्पीडी ट्रायल की अपील की जाएगी.
नीतीश ने कहा कि पीड़िता की जांच एक डाक्टर से कराए जाने की जानकारी मिलने पर उन्होंने सबसे पूछा कि यह चूक कैसे हुई और इसके लिए जिम्मेवार कौन है. मेडिकल बोर्ड से जांच करवा दी गयी थी पर पर हमने तत्काल मुख्य सचिव से पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई करने को कहा. अगर ऐसी चूक होगी तो दोषी को तकनीकी तौर पर कहीं न कहीं फायदा हो सकता है.
उन्होंने कहा, हमलोगों की नजर वहां तक है. कौन किसको बचा रहा है. बयान का भी स्तर होना चाहिए. मेरे साथ भाजपा के ये लोग सरकार में रह चुके हैं. मेरे स्वभाव से परिचित और कार्य पद्धति से अवगत हैं कि मैं किसी के दबाव में नहीं आता और किसी का दबाव है भी नहीं. कौन दबाव देगा, क्यों दबाव देगा लेकिन जबरदस्ती लोगों के बीच एक अवधारणा पैदा करने की कोशिश की जा रही है.
नीतीश कुमार ने कहा कि दरअसल पूरे चुनाव के दौरान महागठबंधन के खिलाफ ये लोग ‘जंगलराज’ शब्द का इस्तेमाल करते रहे. महागठबंधन की सरकार विशाल बहुमत से बन गयी. जो लोग ‘जंगलराज-जंगलराज’ दोहराते रहे उन्हें लगता है कि कुछ भी हो उसे ‘जंगलराज’ की संज्ञा दे दी जाए.
उन्होंने कहा कि बिहार में विधि व्यवस्था को पूरी तरह से नियंत्रण में बताते हुए कहा कि प्रदेश में संप्रदायिक सौहार्द है. लेकिन ये लोगों के मन में डर उत्पन्न करना चाहते हैं. शाम में अभी भी महिलाएं निकल ही रही हैं. इनके लाख डराने के बजाए बाजार देर तक खुला ही रहता है. कोई भी जब घर से निकलना चाहते कहीं जाना चाहते हैं जा रहे कहीं व्यवधान नहीं लेकिन ये भय का वातावारण पैदा करने की साजिश रच रहे हैं. उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी.
नीतीश ने कहा कि उन्होंने तीन दिन लगातार कानून व्यवस्था की समीक्षा की. जिलावार और थानावार अपराध के आंकड़े तैयार और रुझान पता करने का का निर्देश दिया. जरुरत होने पर समाजिक अभियान चलाने की बात भी कही.
उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर समीक्षा के साथ अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपराध की घटती संख्या के बावजूद जिस प्रकार की अवधारणा बनाने की कोशिश हो रही उसे देखते हुए न केवल घटित घटना पर त्वरित कार्रवाई करनी है बल्कि इसके लिए और भी क्या और कहां संस्थागत सुधार की आवश्यक्ता है वह भी की जाए.
सीएम नीतीश ने कहा कि पुलिस महानिदेशक कंट्रोल रुम में 24 घंटे काल सेंटर संचालित रहेंगे और उसका हेल्पलाइन जारी किया जाने का निर्देश दिया तथा उस काल को रिकार्ड किए जाने के साथ उसका आइटी के सहारे इंतजाम रहेगा तत्काल उसके बारे में तत्काल संबंध जिला एसपी और थाना को सूचना चली जाए. घटना घटेगी तो तत्काल पहुंचेंगे और क्या कार्रवाई भी उसे भी बताना पड़ेगा. पुलिस महानिदेशक तक उसकी रिपोर्ट जाती रहेगी और उसकी निगरानी उच्च अधिकारी करेंगे। पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि मई महीने तक यह तैयार हो जाएगा.
नीतीश ने कहा कि लंबी अवधि के लिए पदों के आधार पर सुरक्षा गार्ड पाने के लिए अधिकृत लोगों के अलावा थ्रेट परसेप्शन के आधार पर लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने तथा इसकी अब जिला नहीं राज्य स्तर पर सुरक्षा समिति के गठन का निर्देश दिया है. उन्होंने सुरक्षा गार्ड पाने वालों से गार्डों से सामान ढोने सहित कोई अन्य कार्य नहीं लेनेे का आग्रह किया क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा प्रभावित हो सकती है.