इम्तियाज बने जदयू महानगर अध्यक्ष
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की मंजूरी के बाद पटना महानगर जदयू के कार्यकारिणी की सूची बुधवार को जारी कर दिया गया. पटना महानगर जदयू अध्यक्ष इम्तियाज अहमद अंसारी को पुन: अध्यक्ष की जिम्मेवारी मिली है. नयी सूची में 51 पदाधिकारी बनाये गये हैं. इसमें चार उपाध्यक्ष, पांच महासचिव, छह संगठन […]
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की मंजूरी के बाद पटना महानगर जदयू के कार्यकारिणी की सूची बुधवार को जारी कर दिया गया. पटना महानगर जदयू अध्यक्ष इम्तियाज अहमद अंसारी को पुन: अध्यक्ष की जिम्मेवारी मिली है. नयी सूची में 51 पदाधिकारी बनाये गये हैं. इसमें चार उपाध्यक्ष, पांच महासचिव, छह संगठन सचिव, एक कोषाध्यक्ष तथा दो प्रवक्ता बनाये गये हैं.
उपाध्यक्षों में राजीव रंजन, प्रमोद कुशवाहा, चुन्नु चंद्रवंशी, और बुलबुल देवी के नाम हैं. जिला महासचिव में मो रफी, नागेंद्र गिरी, नागेंद्र कुमार, विनिता स्टेफी और शिवपूजन मंडल के नाम हैं. अमित चंद्रा को महानगर जदयू का कोषाध्यक्ष और धनंजय सिंह एवं मोनिका मेहता को प्रवक्ता नियुक्त किया गया है.
इनके अलावा 32 सदस्यों की कार्यकारिणी में जगह दी गयी है. कार्यकारिणी में पार्टी के सांसद , विधायक व पार्षद, पार्टी के राज्य प्रदाधिकारी, राज्य परिषद के सदस्य, प्रकोष्ठों के प्रदेश एवं जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, महानगर कमिटी के आमंत्रित सदस्य होंगे. नव नियुक्त अध्यक्ष श्री अंसारी ने कहा कि संगठन को मजबूत बनाने हेतु पटना महानगर के 72 वार्डों को 12 सेक्टर में बांटा जायेगा. प्रत्येक सेक्टर में एक अध्यक्ष होंगे जिन्हें प्रखंड अध्यक्ष का दर्जा दिया जायेगा.
लोगों को भ्रम में रखी थी भाजपा : जदयू : जदयू के प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि जेएनयू मामले में जिस विडियो के आधार पर देशद्रोही नारा लगाने को लेकर भाजपा देश को भ्रम में रखे हुए थी उसकी पोल खुल चुकी है.
हैदराबाद के फॉरेंसिक लेबोरेटरी की रिपोर्ट में देशद्रोही नारे वाले वीडियो में जोड़-तोड़ और काट-छांट करने की बात कही गयी है. प्रयोगशाला ने साफ कहा है कि एक भी वीडियो में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं पाया गया. इस रिपोर्ट के बाद भाजपा नेताओं खासकर बिहार भाजपा के नेताओं को चुल्लू भर पानी की तलाश करनी चाहिए.
अब यह सिद्ध हो चुका है कि जेएनयू मामले की आड़ में भाजपा राष्ट्रवाद के नाम पर घृणित राजनीति कर रही है. एक फर्जी वीडियो के सहारे भाजपा ने देश में जो सामाजिक और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का प्रयास किया. उसके लिए भाजपा नेताओं के लिए देश निकाले की सजा भी कम होगी.