छात्राओं की याचिका, प्राचार्या को नोटिस

पटना वीमेंस कालेज. छात्रा से गलत व्यवहार करने के विरोध में आंदोलन करने के कारण उपस्थिति हो गयी थी कम, परीक्षा फाॅर्म भरने से रोक िदया है कॉलेज ने पटना : पटना हाइकोर्ट ने पटना वीमेंस कालेज की 300 छात्राओं की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए काॅलेज प्राचार्या और पटना विवि के रजिस्ट्रार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2016 6:38 AM
पटना वीमेंस कालेज. छात्रा से गलत व्यवहार करने के विरोध में आंदोलन करने के कारण उपस्थिति हो गयी थी कम, परीक्षा फाॅर्म भरने से रोक िदया है कॉलेज ने
पटना : पटना हाइकोर्ट ने पटना वीमेंस कालेज की 300 छात्राओं की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए काॅलेज प्राचार्या और पटना विवि के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने एआइएसफ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि एक शिक्षक द्वारा छात्रा से गलत व्यवहार करने के विरोध में आंदोलन करने के कारण उनकी उपस्थिति कम हो गयी. इसी कारण कालेज ने कम उपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए परीक्षा फाॅर्म भरने से मना कर दिया है. छात्राओं ने कोर्ट से इस मामले में हस्तदक्षेप करने की मांग की. खंडपीठ ने सुनवाई के बाद पटना विवि के रजिस्ट्रार और कालेज के प्राचार्या को नौ मार्च तक जवाब देने को कहा. कोर्ट ने दोनों को यह बताने को कहा है कि इतनी छात्राओं को फाॅर्म नहीं भरने देने के पीछे क्या कारण है.
पीडब्ल्यूसी का कुछ यूं था मामला
पटना. कम अटेंडेंस के कारण फॉर्म भरने से वंचित वीमेंस कॉलेज की ग्रेजुएशन फाइनल व सेकेंड इयर की विभिन्न विभाग की छात्राओं ने 27 जनवरी को सड़क पर प्रदर्शन किया था. यह आंदोलन कई दिनों तक जारी रहा, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं की एक न सुनी. 75 प्रतिशत अटेंडेंस नहीं रहने के चलते करीब 350 से अधिक छात्राओं को फॉर्म भरने से वंचित कर दिया गया.
टाइम पर मेडिकल जमा करने वालों को भी फॉर्म भरने से वंचित कर दिया गया था. कुछ छात्राओं का कहना था कि कॉलेज प्रशासन छात्राओं से बदला ले रही है. छात्राओं ने कहा कि शिक्षक जेपी दत्ता के खिलाफ जब सभी छात्राएं सड़क पर उतरी थी उसी कारण कॉलेज प्रशासन सख्त है.
छात्राओं ने 25 जनवरी को कुलपति से मुलाकात कर अपनी बात रखी तो कुलपति ने डीएसडब्ल्यू (डीन स्टूडेंट्स वेलयफेयर) के पास मामला यह लिख कर भेज दिया कि अगर यह छात्राएं अगली बार कुलपति से मुलाकात करती है तो इसमें कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद छात्राओं ने डीएसडब्ल्यू के पास अपनी बात रखी, लेकिन वहां भी छात्राओं को निराशा हाथ लगी.

Next Article

Exit mobile version