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हंगामे से त्रस्त सभापति बोले, जनता को क्या जवाब दें कि हम सदन नहीं चला सकते

पटना : विधान परिषद की पहली पाली हंगामे की भेंट चढ़ गयी. भाजपा के सदस्य अतिपिछड़ों को पंचायत चुनाव में आरक्षण कोटे को बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार नारेबाजी और हंगामा करते रहे. इसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद भी विपक्ष के सदस्य शांत नहीं हुए. इधर, भाजपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 5, 2016 7:09 AM
पटना : विधान परिषद की पहली पाली हंगामे की भेंट चढ़ गयी. भाजपा के सदस्य अतिपिछड़ों को पंचायत चुनाव में आरक्षण कोटे को बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार नारेबाजी और हंगामा करते रहे. इसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद भी विपक्ष के सदस्य शांत नहीं हुए.
इधर, भाजपा के सदस्यों को मुखर होते देख सत्ताधाारीदल जदयू के सदस्यों ने भी सदन में जोर शोर से बोलना आरंभ किया. नीरज कुमार और प्रो रणवीर नंदन ने भाजपा को घेरने की कोशिश की. दोनों ओर से हंगामे और शोरगुल के बीच सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदस्यों को समझाने की कोशिश की. लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए. भाजपा के सदस्यों के उग्र तेवर पर अंत में सभापति की पीड़ा भी झलक आयी. उन्होंने कहा कि आखिर हम जनता को क्या जवाब देंगे कि हम सदन नहीं चला सकते.
दूसरी बार सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो भी हंगामा शांत नहीं हुआ. करीब 25 मिनट बाद सभापति ने भोजनावकाश तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. इसके पहले सदन की कार्यवाही निर्धारित समय ठीक 11 बजे आरंभ हो गयी. भाजपा सदस्यों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा और शोरगुल खत्म नहीं होते देख पांच मिनट की कार्यावाही के बाद सभापति ने दस मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया.
पुन: सदन की कार्यवाही जब सवा 11 बजे शुरू हुई तो भाजपा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामें के दौरान ही 25 मिनट तक चली कार्यवाही के बीच भाजपा के सदस्य बेल में आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे.
भाजपा के संजय मयूख, रजनीश कुमार, प्रो नवल किशोर यादव आदि सरकार विरोधी नारे लगाये.सत्ता पक्ष की ओर से नीरज कुमार ने राष्ट्रीय स्तर पर अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था केंद्र द्वारा करने की मांग की. प्रो रणवीर नंदन ने भाजपा सदस्यों पर आरोप लगाया कि आसन का उल्लंघन करना जन्मसिद्ध अधिकार है. नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा की सरकार पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दे.

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