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नौ घंटे तड़पता रहा पीएमसीएच

नाराजगी. एंट्रेंस टेस्ट रद्द करने को लेकर एमबीबीएस छात्रों ने ठप रखा पीएमसीएच परचा लीक होने का आरोप लगा छात्रों ने पीजी मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट रद्द करने की मांग की और पीएमसीएच में काम ठप कर दिया. इससे मरीज परेशान रहे. हालांिक स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन पर शाम 4.30 बजे काम पर लौटे आये पटना […]

नाराजगी. एंट्रेंस टेस्ट रद्द करने को लेकर एमबीबीएस छात्रों ने ठप रखा पीएमसीएच
परचा लीक होने का आरोप लगा छात्रों ने पीजी मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट रद्द करने की मांग की और पीएमसीएच में काम ठप कर दिया. इससे मरीज परेशान रहे. हालांिक स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन पर शाम 4.30 बजे काम पर लौटे आये
पटना : छह मार्च को हुए पीजी मेडिकल एंट्रेस टेस्ट (पीजी मैट) में धांधली का आरोप लगाते हुए एमबीबीएस छात्रों ने मंगलवार को साढ़े आठ घंटे पीएमसीएच ठप रखा. छात्रों ने इमरजेंसी व ओपीडी में काम कर रहे जूनियर डॉक्टरों को हाथ पकड़ कर जबरन बाहर निकाला और तालाबंदी कर दी. छात्र परीक्षा रद्द किये जाने की मांग कर रहे थे.
हंगामे की वजह से सुबह आठ बजे से लेकर शाम 4.30 बजे तक पीएमसीएच की स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह प्रभावित रही. काफी मान-मनौवल के बाद छात्र माने. इस बीच बाहर से आये मरीजों के साथ ही इमरजेंसी में भरती मरीजों को भी सीनियर डॉक्टरों के भरोसे रहना पड़ा. हालांकि पीएमसीएच प्राचार्य डॉ एसएन सिन्हा ने दावा किया कि इसके चलते कोई ऑपरेशन बाधित नहीं हुआ.
एमबीबीएस छात्रों का कहना था कि रविवार को हुई परीक्षा के दौरान के व्हाट्सएप के माध्यम से पीजी मैट का परचा आउट कराया गया था.
छात्रों से मिले स्वास्थ्य सचिव
इमरजेंसी वार्ड के तीनों गेट को बंद कर दिये जाने पर पीएमसीएच प्राचार्य प्रो सिन्हा व टाउन डीएसपी कैलाश प्रसाद छात्रों को समझाने पहुंचे. इस दौरान छात्रों ने पर्चा लीक करने के आरोपी छात्रों को पकड़ने की मांग की. प्राचार्य ने लिखित आवेदन मांगा तभी कुछ छात्रों ने अपशब्दों का प्रयोग किया. इस दौरान थोड़ी धक्का-मुक्की भी हुई.
समझाने पर छात्रों ने डीएसपी कैलाश प्रसाद को लिखित में पांच लोगों को परचा लीक का आरोपी बनाते हुए आवेदन दिया और इसकी प्रति बीसीइसीइ व प्राचार्य को भी दी. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक व स्वास्थ्य सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने नाराज छात्रों को समझाते हुए कहा कि छात्र जांच में सहयोग करें और साक्ष्य जुटाने में पुलिस की मदद करें. बीसीइसीइ के चेयरमैन से मिल कर आवेदन भी करें. उन्होंने पुलिस से भी कहा कि दो दिन में जांच पूरी कर लें, ताकि छात्रों का भरोसा कायम रहे. उनके आश्वासन पर छात्रों ने शाम करीब 4.30 बजे हड़ताल खत्म कर दी.
जैमर लगा था, नहीं हो सकता लीक
अभ्यर्थियों ने बीसीइसीइ को ज्ञापन सौंप कर बुधवार तक का समय दिया है. तब तक अगर परीक्षा रद्द नहीं हुई तो अभ्यर्थी राज्य भर में विराधे प्रदर्शन करेंगे. इस संबंध में बीसीइसीइ के ओएसडी अनिल कुमार ने बताया कि प्रश्न पत्र लीक नहीं हुआ है. प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर वो खुद गये थे. सभी जगहों पर मजिस्ट्रेट तैनात थे. जैमर लगा हुआ था.
मरीजों की पीड़ा
जूनियर डाॅक्टरों ने बदतमीजी की और परचा फाड़ कर बाहर भगा दिया. डाॅक्टरों को प्रशासन की मदद से दायरे में रहकर काम करना चाहिए. इस तरह मरीजों को परेशान करना डाॅक्टरों को शोभा नहीं देता.
मो. इश्तखार, खगड़िया
हमारे मरीज का आॅपरेशन हुआ हैं. हड़ताल की वजह से हम अभी तक मरीज से मिल नहीं पाए हैं. कोई सुननेवाला नहीं है.
लालती देवी, जहानाबाद
अिधकारी बोले
छात्रों ने परचा लीक का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर हड़ताल की था. सीनियर डॉक्टर काम कर रहे थे, इसलिए परेशानी नहीं हुई.
डाॅ एसएन सिन्हा, प्राचार्य, पीएमसीएच.
एमबीबीएस छात्रों ने लिखित शिकायत की है. प्रिसिंपल की कार्रवाई से हम लोग संतुष्ट हैं. छानबीन के बाद ही रिजल्ट आयेेगा. अगर इससे पहले साबित होगा कि क्वेश्चन आउट हुआ है तो परीक्षा रद्द भी की जायेगी.
डाॅ अशोक कुमार, जूनियर डॉक्टर एसो.

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