पटना : बिहार विधान परिषद की आज की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने सीवान की जेल में मंत्री अब्दुल गफूर की मुलाकात को गंभीर मामला बताते हुए इसको लेकर लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा कराए जाने की मांग की. सदन के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने उन्हें इस मामले को प्रश्नकाल के बाद उठाने को कहा. प्रश्नकाल समाप्त होने और शून्यकाल शुरु होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में पांडेय द्वारा इस मामले को फिर से उठाये जाने पर सभापति के यह कहे जाने कि उनके कार्यस्थगन को अस्वीकृत कर दिया गया हैं. भाजपा सदस्यों ने सदन के बीचोंबीच आकर सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी.
वहीं विधानसभा में राजग के सदस्य सदन में जहां अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर से इस्तीफे की मांग करते हुए उनपर निशाना साध रहे थे वहीं अपना पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं मंत्री इसको तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि शहाबुद्दीन से उनकी मुलाकात मात्र एक शिष्टाचार मुलाकात थी. राजद कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री गफूर ने कहा कि उन्होंने ऐसा करके कोई जुर्म नहीं किया ऐसे में वह क्यों इस्तीफा दें. भाजपा पर प्रहार करते हुए सहरसा जिला के महिशी विधानसभा क्षेत्र से राजद विधायक गफूर ने कहा ‘मैं बीजीपी की वजह से मंत्री नहीं हूं. उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन से मुलाकात के दौरान जेल के भीतर मोबाइल फोन नहीं ले जाने तथा जेल नियम का उल्लंघन नहीं किया. मंत्री गफूर ने कहा कि अगर उन्हें आगे भी मौका मिला तो वे शहाबुद्दीन से मुलाकात करेंगे.