पटना : बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने बाद में आरोप लगाया कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपित राजद विधायक राजबल्लभ यादव का अदालत में आत्मसमर्पण जहां राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जीत है वहीं सुशासन और कानून के राज का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करारी हार है. सुशील ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दुष्कर्म जैसे संगीन मामले में आरोपी होने के बावजूद राजद विधायक महीने भर से ज्यादा पुलिस को चुनौती देते हुए फरार रहे और सत्ता संरक्षण के कारण पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पायी.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में अगर साहस है तो समर्पण करने वाले विधायक के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर एक महीने के अंदर उसे सजा दिलाये.सुशील ने कहा कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि आखिर एक जनप्रतिनिधि एक महीने से ज्यादा कैसे फरार रहा और पुलिस उनके आत्मसमर्पण करने तक आखिर उन्हें गिरफ्तार करने में विफल क्यों रही. क्या सत्ता संरक्षण के बिना ऐसा संभव था. एक ओर तो सरकार दिखावे के लिए आरोपी की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा तैयार करती रही, पुलिस कुर्की जब्ती का स्वांग रचती रही, दूसरी ओर विधायक को लेकर सत्ताधारी दल के विधायक अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहे.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था विधायक भागकर जाएंगे कहां. नीतीश कुमार बतायें कि एक महीने तक विधायक कहां रहे. पुलिस आरोपी विधायक को गिरफ्तार करने में नाकाम क्यों रही. क्या इससे यह साबित नहीं हो रहा है कि आज बिहार में लालू प्रसाद जो चाह रहे हैं वहीं हो रहा है. क्या बलात्कार जैसे संगीन मामले में आरोपी विधायक का एक महीने तक फरार रहना और फिर अपनी मर्जी से अदालत में समर्पण करने से अपराधियों का मनोबल नहीं बढा है.
सुशील ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार इसको कानून का राज कहते हैं जिसमें अपराधियों को मनमानी करने की छूट मिली हुई है.